चिदंबरम पर गिरफ्तारी की तलवार कायम, सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से किया इंकार
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की याचिका पर तत्काल सुनवाई से बुधवार को इनकार कर दिया। इस याचिका में चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया मामलों में गिरफ्तारी से संरक्षण की मांग थी।
चिदंबरम को जेल? CJI करेंगे फैसला (फाइल फोटो) |
शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिका में खामियों को अभी-अभी दुरुस्त किया गया है और इसे ‘‘तत्काल सुनवाई के लिए आज सूचीबद्ध नहीं किया जा सकता।’’
न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति एम शांतनगौडर और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने कहा, ‘‘याचिका को सूचीबद्ध किए बिना, हम मामले पर सुनवाई नहीं कर सकते।’’
अदालत में चिदंबरम का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने जब मामले पर आज ही सुनवाई करने की मांग दोहराई तो पीठ ने कहा, ‘‘माफ कीजिए श्रीमान सिब्बल। हम मामले पर सुनवाई नहीं कर सकते।’’
इससे पहले चिदंबरम की गिरफ्तारी से राहत की मांग करने वाली याचिका न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति एम शांतानागौदर और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ के समक्ष आई। इस पर पीठ ने कहा कि मामले को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगाई के समक्ष रखा जाएगा।
पीठ ने चिदंबरम के वकील औऱ वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से कहा,‘‘मैं इसे भारत के प्रधान न्यायाधीश के पास भेज रहा हूं। वह आदेश देंगे।’’
सीबीआई और ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि यह ‘बड़े पैमाने पर’ धनशोधन का मामला है।मेहता के एक कनिष्ठ सहायक ने कहा, ‘‘हम चिदंबरम के किसी भी कदम का विरोध करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।’’
सिब्बल ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि उच्च न्यायालय ने मंगलवार को चिदंबरम की याचिका खारिज कर दी थी। उन्होंने बताया कि आईएनएक्स मामले में सीबीआई और ईडी की ओर से दर्ज मामले में चिदंबरम को एक साल से अधिक समय से गिरफ्तारी से राहत दी जा रही है। सिब्बल ने कहा कि उच्च न्यायालय ने चिदंबरम को गिरफ्तारी से किसी प्रकार की छूट देने से भी इनकार कर दिया है।
सिब्बल ने कहा,‘‘मामले की सुनवाई होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल (चिदंबरम) को इसबीच गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने शीर्ष अदालत से यह भी कहा कि बुधवार को तड़के दो बजे जांच एजेंसियों ने चिदंबरम के आवास पर एक नोटिस चस्पां किया है जिसमें कहा गया है कि उन्हें दो घंटे के भीतर उनके समक्ष पेश होना है।
जब सिब्बल ने कहा कि उनकी याचिका रजिस्ट्री में नामांकित हो गई है, तब पीठ ने कहा, ‘‘आप सारी औपचारिकताएं पूरी करिए।’’
गौरतलब है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की गिरफ्तारी से किसी भी तरह का संरक्षण देने से मना कर दिया था।
ईडी ने चिदंबरम के खिलाफ नया लुकआउट सर्कुलर जारी किया
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आईएनएक्स मीडिया धनशोधन मामले में पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ एक नया लुकआउट नोटिस जारी किया।
अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कांग्रेस नेता के खिलाफ लुकआउट नोटिस सभी सड़क मार्ग, हवाई मार्ग तथा समुद्र बंदरगाहों और वहां की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भेज दिए गए हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि कांग्रेस नेता को ईडी की अनुमति के बिना भारत की सीमा से बाहर न जाने दिया जाए।
अधिकारियों ने बताया कि यह एजेंसी द्वारा उठाए गए ऐहतियादी कदम हैं क्योंकि चिदंबरम के पते-ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है, और आईएनएक्स मीडिया मामले की जांच को आगे बढाने में उनकी जरूरत है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) यह जांच कर रहे हैं कि साल 2007 में जब पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे तो उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को फॉरेन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी कैसे मिल गई थी।
सीबीआई बुधवार सुबह एक बार फिर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के आवास पर उन्हें खोजने पहुंची लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। इससे पहले पूर्व वित्त मंत्री की कानूनी टीम ने सीबीआई को पत्र लिख उच्चतम न्यायालय में बुधवार को उनकी याचिका पर सुनवाई से पहले उनके खिलाफ किसी प्रकार की बलपूर्वक कार्रवाई ना करने की अपील की।
अधिकारियों ने बताया कि अधिकारियों का एक दल बुधवार सुबह चिदंबरम के जोर बाग स्थित आवास पर उन्हें ढूंढने पहुंचा और मंगलवार की तरह खाली हाथ ही लौट आया क्योंकि वह वहां नहीं थे। उच्चतम न्यायालय में चिदंबरम की याचिका पर सुनवाई से कुछ देर पहले सीबीआई ने उन्हें फिर ढूंढने की कोशिश की।
इससे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों की टीमें कल भी चिदंबरम के घर पहुंचीं, लेकिन वह वहां नहीं मिले। दोनों टीमें उनके घर से वापस लौट गईं, लेकिन उनके इरादे नहीं बदले हैं। ज्यादा संभावना है कि आज रात चिदंबरम गिरफ्तारी से बच जाएं, और उनकी गिरफ्तारी पर फैसला सुबह सुप्रीम कोर्ट में ही होगा।
आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए चिदंबरम ने दिल्ली उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी। लेकिन न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति सुनील गौड़ ने कहा कि इस मामले में जो सबूत अदालत के समक्ष पेश किए गए हैं, उनसे प्रथमदृष्ट्या साबित होता है कि याचिकाकर्ता इस मामले (आईएनएक्स) का मुख्य साजिशकर्ता है।
अदालत ने कहा कि चिदंबरम भले ही पूर्व वित्तमंत्री और मौजूदा सांसद हैं, लेकिन यह जरूरी नहीं कि अहम पद पर बैठकर गलती नहीं की जा सकती। इसलिए यह जरूरी है कि याचिकाकर्ता को हिरासत में लेकर पूछताछ की जाए।
लेकिन इस बीच जांच एजेंसियां (सीबीआई और ईडी) कांग्रेस नेता को गिरफ्तार करने उनके घर पहुंचीं, लेकिन चिदंबरम घर पर नहीं मिले। सीबीआई की टीम शाम 6.30 बजे उनके आवास पहुंची और उनके घर पर नहीं मिलने पर 10 मिनट बाद वापस लौट गई। इसके बाद ईडी की टीम 7.30 बजे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता के घर पहुंची।
दअसल, सीबीआई आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम की भूमिका की जांच कर रही है। जांच एजेंसी ने यह मामला 15 मई, 2017 को दर्ज किया गया था।
चिदंबरम पर आरोप है कि वित्तमंत्री रहने के दौरान उन्होंने 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी फंड प्राप्त करने के लिए आईएनएक्स मीडिया समूह को एफआईपीबी मंजूरी देने में अनियमितता बरती थी।
ईडी ने काले धन को सफेद बनाने (मनी लॉन्डरिंग) को लेकर उनके ऊपर 2018 में मामला दर्ज किया था।
| Tweet |