आतंकियों को स्नाइपर की ट्रेनिंग दे रही पाक सेना
बर्फ पड़ने से पहले आतंकी घुसपैठ को लेकर जहां पाकिस्तान भारत पाक सीमा से लेकर नियंत्रणरेखा तक अंधाधुंध फायरिंग करके दबाव बनाने में लगा है, वहीं अब पाकिस्तानी सेना लश्कर ए तैयबा के आतंकियों को स्नाइपर रायफल चलाने की ट्रेनिंग दे रही है.
(फाइल फोटो) |
सूत्रों का कहना है कि इस काम को अंजाम लश्कर ए तैयबा के एक कमांडर मुजमिल की अगुवाई में पाकिस्तान की पंजाब प्रांत में तैनात सेना के अधिकारी दे रहे हैं. बताया गया कि पाक सेना के अफसर युनाईटेड किंगडम और रूस में निर्मित स्नाइपर रायफल के जरिए आतंकियों को यह प्रशिक्षण दे रहे हैं. इस संबंध में खुफिया एजेंसियों को पर्याप्त प्रमाण भी मिले हैं.
मालूम हो पिछले एक अरसे के भीतर नियंत्रणरेखा पर तैनात करीब दर्जन भर जवानों को सरहद पार से बॉर्डर एक्शन टीम में शामिल आतंकियों द्वारा स्नाइपर रायफल के जरिए शहीद कर दिया गया. बताया गया कि युनाईटेड किंगडम में निर्मित हैवी स्नाइपर रायफल की मार 2000 मीटर तक होती है, जब तक रूस में निर्मित ड्रैगनोव स्नाइपर रायफल की मारकक्षमता 800 मीटर तक होती है. काबिल-ए-गौर है कि जब से पाकिस्तान की ओर से आतंकी घुसपैठ को लेकर साजिशें तेज हुई हैं और कई आतंकी घुसपैठ करने में सफल भी हुए हैं, उसके बाद से विशेषकर नियंत्रणरेखा पर आतंकी घुसपैठ विरोधी ग्रिड बेहद मजबूत कर दिया गया है. जिसके कारण नियंत्रणरेखा के जुड़वां जिले राजौरी और पुंछ में सरहद पार से आतंकी घुसपैठ नामुमिकन हो गई है.
सूत्रों का कहना है कि इस बौखलाहट के कारण अब पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई, सेना और आतंकियों के गठजोड़ बॉर्डर एक्शन टीम यानि बैट ने स्नाइपर रायफल के जरिए भारतीय सुरक्षा कर्मियों को अधिक से अधिक हताहत करने की नई साजिश बुनी है. यही वजह है कि पिछले एक अरसे के अंदर स्नाइपर रायफल के जरिए नियंत्रणरेखा पर तैनात जवानों पर हमले बढ़े हैं.
मालूम हो इस साल अब तक 25 जवानों ने सरहद पर अपनी जान गंवाई है, जिनमें आधी संख्या स्नाइपर रायफल के जरिए हुए हमले के कारण जवान शहीद हुए हैं. हालांकि पाकिस्तान की ओर से स्नाइपर रायफल इस्तेमाल किए जाने को लेकर अपनी मनाही कर चुका है.
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