कैसे बचपन के अनुभव हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं, आईए जानते हैं

Last Updated 01 Jan 2025 11:38:37 AM IST

एक शोध दल ने यह समझने में महत्वपूर्ण जानकारी दी है कि बचपन के अनुभव हमारे जीवन को जैविक रूप से कैसे प्रभावित करते हैं। ये अनुभव हमारे जीन और मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बदलकर लंबे समय तक हमारी सेहत पर असर डालते हैं।


कनाडा की मैकगिल यूनिवर्सिटी के प्रसिद्ध न्यूरोसाइंटिस्ट, डॉ. माइकल मीनि, ने "जीनोमिक साइकाइट्री" नामक पत्रिका में एक इंटरव्यू के दौरान इस विषय पर अपनी खोजें साझा की। उन्होंने बताया कि जीन और वातावरण का मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है।

डॉ. माइकल ने कहा, "मैं हमेशा से यह जानने में रुचि रखता था कि मस्तिष्क के विकास और कार्य में व्यक्ति-विशेष की अलग-अलग विशेषताएं कैसे बनती हैं।" उनके इस काम ने उन्हें अमेरिकन एकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज और "ऑर्डर ऑफ कनाडा" जैसे प्रतिष्ठित सम्मान दिलाए।

उनकी शोध यात्रा की शुरुआत एक सरल सवाल से हुई: "लोग एक-दूसरे से इतने अलग क्यों होते हैं?" इस जिज्ञासा ने उन्हें एपिजेनेटिक्स के क्षेत्र में नई खोजों तक पहुंचाया। एपिजेनेटिक्स यह अध्ययन करता है कि पर्यावरणीय कारक बिना डीएनए को बदले हमारे जीन के कामकाज को कैसे प्रभावित कर सकते हैं।

डॉ. मीनि का कहना है, "हम अक्सर उन बातों और तकनीकों को जल्दी अपना लेते हैं, जो आम जनता को आकर्षित करती हैं और बड़ी खबर बनती हैं। लेकिन ये बातें मस्तिष्क के स्वास्थ्य की जटिल सच्चाई को सही तरीके से नहीं दिखा पातीं।"

इन खोजों से एक अहम सवाल खड़ा होता है: क्या हम इन वैज्ञानिक जानकारियों का इस्तेमाल बच्चों के विकास में मदद करने के लिए कर सकते हैं? शुरुआती अनुभवों का बच्चों की सहनशीलता पर क्या असर होता है?

यह इंटरव्यू "जीनोमिक प्रेस" की एक खास सीरीज का हिस्सा है, जो आज के प्रभावशाली वैज्ञानिक विचारों के पीछे के लोगों को उजागर करती है। इस सीरीज में वैज्ञानिकों के शोध और उनके व्यक्तिगत विचारों का मिश्रण होता है, जो पाठकों को विज्ञान और मानव जीवन से जुड़ी कहानियों का व्यापक दृष्टिकोण देता है।

अध्ययन के लेखकों का कहना है कि यह फॉर्मेट वैज्ञानिकों के काम और उनके व्यापक मानवीय प्रभाव को समझने के लिए एक शानदार शुरुआत है।

आईएएनएस
टोरंटो


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment