उप्र : गर्भवती के सुरक्षित प्रसव व जांच की समुचित व्यवस्था का निर्देश

Last Updated 23 Apr 2020 07:43:38 PM IST

उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के दौरान गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच और सुरक्षित प्रसव को लेकर किसी भी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है।


गर्भवती के सुरक्षित प्रसव व जांच की समुचित व्यवस्था

इस दौरान चिकित्सा इकाइयों में आवश्यक आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को बहाल रखने को कहा गया है। प्रमुख सचिव-स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों व मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से कहा है कि कोविड संक्रमित या संभावित गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच और प्रसव के साथ ही नवजात के देखभाल की समुचित व्यवस्था दुरुस्त रहनी चाहिए।

विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी करते हुए उन्होंने कहा, "इस दौरान संक्रमण को फैलने से रोकने वाले सभी जरूरी उपाय अपनाये जाएं।"

उन्होंने कहा, "सभी चिकित्सालयों में आइसोलेशन वार्ड से सटा हुआ कोविड लेबर रूम और जिला महिला चिकित्सालय में सी-सेक्शन (सिजेरियन) के लिए कोविड ओ़टी तैयार की जाए। वहां पर समुचित सावधानी बरती जाए, पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट), कीटाणुशोधन और बायो मेडिकल कचरे के निस्तारण की कार्रवाई मानकों के अनुरूप कराई जाए।"

उन्होंने इस बारे में सभी स्टाफ को संक्रमण, इसकी रोकथाम और नियंत्रण प्रक्रियाओं का प्रशिक्षण दिए जाने के बारे में भी निर्देश दिए हैं।

प्रसाद ने कहा, "इसके अलावा सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र-एफआरयू (फस्र्ट रेफरल यूनिट) में कोविड लेबर रूम तैयार किया जाएं, जहां पर एक लेबर टेबल और जरूरी उपकरणों सहित कोविड संक्रमित संभावित गर्भवती के प्रसव के लिए, स्वास्थ्यकर्मियों के लिए कम से कम 1-2 पीपीई किट्स का प्रावधान सुनिश्चित हो।"

उन्होंने कहा, यदि कोई कोविड संभावित-संक्रमित गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा-एपीएच स्थिति में सीएचसी-एफआरयू में आती है, तो उन्हें और कहीं रेफर नहीं किया जाए बल्कि वहीं पर स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा मानकीय सावधानी बरतते हुए पीपीई का इस्तेमाल करते हुए सुरक्षित प्रसव कराया जाए। इसके लिए बाकायदा एक लो चार्ट भी जारी किया गया है ।

उन्होंने कहा है कि 102 एम्बुलेंस का उपयोग गर्भवती महिलाओं, विशेषकर उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं को निकट के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या जिला महिला चिकित्सालय में रक्त जांच व अन्य जांचों जैसे अल्ट्रासाउंड सहित प्रसव पूर्व देखभाल के लिए लाने हेतु होता रहेगा। यदि कोरोनावायरस से संक्रमण के कोई लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे-सर्दी, खांसी, बुखार और सांस फूलना आदि तो केवल 108 एम्बुलेंस की मदद से ही अस्पताल जाएं । इस दौरान सोशल डिस्टेंशिंग का ख्याल रखा जाए।

आशा और एएनएम कोविड संभावित-पुष्टि वाली गर्भवती महिलाओं की लाइन लिस्टिंग करेंगी और जिला चिकित्सालयों में प्रसव के लिए जन्म की योजना के बारे में परामर्श देंगी। इस बारे में वह प्रभारी चिकित्सा अधिकारी-चिकित्सा अधीक्षक को सूचित भी करेंगी।

आईएएनएस
लखनऊ


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