'जी-7 के नेताओं ने माना, अफगानों की मदद करना नैतिक कर्तव्य'

Last Updated 25 Aug 2021 11:41:22 PM IST

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि जी-7 के नेता इस बात पर सहमत हैं कि तालिबान के अधिग्रहण के बाद युद्धग्रस्त देश में मौजूदा स्थिति के बीच अफगान लोगों की मदद करना उनका सामूहिक नैतिक कर्तव्य है।


'जी-7 के नेताओं ने माना, अफगानों की मदद करना नैतिक कर्तव्य'

वॉन डेर लेयेन ने मंगलवार को जी-7 नेताओं की एक बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हम सभी सहमत थे कि अफगान लोगों की मदद करना और जितना संभव हो सके उतना समर्थन देना हमारा नैतिक कर्तव्य है।"

उन्होंने कहा, "इन सबसे कमजोर लोगों की रक्षा के लिए, यह स्पष्ट रूप से वैश्विक सहयोग का मामला है और इसे शुरू से ही इस तरह से निपटा जाना चाहिए। इन लोगों को तस्करों के हाथों में नहीं पड़ना चाहिए।"

उन्होंने कहा कि आयोग यूरोपीय संघ (ईयू) के बजट से आने वाली मानवीय सहायता को वर्ष 2021 के लिए "200 मिलियन यूरो (23.6 करोड़ डॉलर) से अधिक करने का प्रस्ताव रखेगा। इससे अफगानिस्तान में अफगानों की तत्काल जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।"

हालांकि, वॉन डेर लेयेन ने कहा कि "भविष्य की विकास सहायता शर्त-आधारित होनी चाहिए। यह हमेशा स्थिति-आधारित होती है। मौलिक मूल्यों, मानवाधिकारों और निश्चित रूप से महिलाओं के अधिकारों से जुड़ी होती है।"

वॉन डेर लेयेन ने कहा, "यूरोपीय संघ ने अगले सात वर्षों में अफगानिस्तान के विकास के लिए एक अरब यूरो अलग रखा है। लेकिन 'सहायता रुकी हुई है' जब तक कि ब्लॉक के पास 'ठोस गारंटी और इस आधार पर विश्वसनीय कार्रवाई न हो कि शर्तों को पूरा किया जा रहा है।"

उसी प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने नए अफगान अधिकारियों से उन सभी विदेशी और अफगान नागरिकों को मुफ्त में पहुंचाने की अनुमति देने का आह्वान किया, जो हवाई अड्डे पर जाना चाहते हैं।

मिशेल ने कहा, "हमने इस मुद्दे को अपने अमेरिकी दोस्तों और भागीदारों के साथ दो विशेष पहलुओं पर भी उठाया है। पहला, संचालन को पूरा करने के लिए आवश्यक होने तक हवाई अड्डे को सुरक्षित करने की आवश्यकता है और दूसरा, निकासी के हकदार सभी नागरिकों के लिए हवाई अड्डे के लिए एक निष्पक्ष और न्यायसंगत पहुंच जरुरी है।"

उन्होंने कहा, "आज यह तय करना जल्दबाजी होगी कि हम नए अफगान अधिकारियों के साथ किस तरह के संबंध विकसित करेंगे।"

उन्होंने कहा, "यह नई व्यवस्था के कार्यों और रवैये के संबंध में सख्त शर्तों के अधीन होगा।"

एक ऑनलाइन आपातकालीन बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में, अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा और जापान के नेताओं ने "कमजोर अफगान और अंतर्राष्ट्रीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और मानवीय संकट की रोकथाम के लिए शांत और संयम का आह्वान किया है।"

जी7 नेताओं ने अफगानिस्तान की स्थिति के बारे में गंभीर चिंता भी व्यक्त की है।

"हमारी तत्काल प्राथमिकता हमारे नागरिकों और उन अफगानों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करना है जिन्होंने पिछले 20 वर्षों में हमारे साथ भागीदारी की है और हमारे प्रयासों में सहायता की है और अफगानिस्तान से सुरक्षित मार्ग को जारी रखना सुनिश्चित करना है। हम इस पर बारीकी से तालमेंल बनाए रखना जारी रखेंगे।"

आईएएनएस
ब्रसेल्स


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