बुजुर्ग होती जनसंख्या से परेशान हुआ चीन, अब तीन बच्चे पैदा करने की नीति को दी मंजूरी
चीन ने सोमवार को घोषणा की है कि प्रत्येक माता-पिता को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति होगी।
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चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो की सोमवार को हुई बैठक के अनुसार, चीन तीसरा बच्चा पैदा करने की इच्छा रखने वाले जोड़ों का समर्थन करेगा।
इससे पहले सामने आए जनसंख्या संबंधी आंकड़ों से पता चला था कि बीते एक दशक में चीन में कामकाजी आयुवर्ग की आबादी में कमी आई है और 65 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के लोगों की संख्या बढ़ी है जिसका असर समाज और अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है।
शिन्हुआ समाचार एजेंसी की ओर से बताया गया कि सत्तारूढ़ दल के पोलित ब्यूरो की सोमवार को हुई बैठक में तय हुआ कि ‘‘चीन बुजुर्ग होती आबादी से सक्रिय रूप से निबटने के लिए प्रमुख नीतियां और उपाय लाएगा।’’
रिपोर्ट में कहा गया कि पार्टी के नेताओं ने ‘‘कहा कि जन्म देने की आयु सीमा में ढील देनेए जिसके तहत दंपती तीन बच्चों को भी जन्म दे सकते हैं तथा इससे जुड़े अन्य कदम उठाने से चीन के आबादी संबंधी ढांचे को बेहतर बनाया जा सकता है।’’
यह निर्णय नवीनतम राष्ट्रीय जनगणना के प्रकाशन के ठीक तीन सप्ताह बाद आया, जिसमें पता चला कि मुख्य भूमि पर चीन की आबादी 1.4 अरब तक पहुंच गई, जो पिछले एक दशक में औसतन 0.53 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ रही है।
दंपतियों के एक ही बच्चा पैदा करने की अनुमति संबंधी नियमों में 2015 में ढील दी गई थी और दो बच्चों को जन्म देने की इजाजत दी गई थी। इसके एक वर्ष बाद बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी हुई लेकिन बाद में इसमें कमी देखी गई।
पिछले 10 वर्षों में, चीन की जनसंख्या सालाना केवल 0.53 प्रतिशत बढ़कर 1.4 अरब से अधिक हो गई है - जो दशकों में सबसे धीमी गति है।
1979 से चली आ रही एक संतान नीति को 2015 में समाप्त कर दिया गया और उसकी जगह दो बच्चों की नीति लागू कर दी गई। हालांकि, बदलाव के कारण 2016 में जन्म होने वाले बच्चों में मामूली वृद्धि हुई थी। तब से, जनसंख्या हर साल गिर रही है।
जनगणना के आंकड़ों के अनुसार पिछले वर्ष देश में एक करोड़ 20 लाख बच्चे पैदा हुए, जो 2016 के एक करोड़ 80 लाख से काफी कम हैं।
पिछले वर्ष जन्मे शिशुओं की संख्या 1960 के बाद से सबसे कम है।
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