चीन, WHO ने कोरोना रोकने को कार्रवाई नहीं की
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा मान्यता प्राप्त विशेषज्ञों के एक पैनल ने कोरोना महामारी को शुरुआत में रोकने के लिए त्वरित कदम नहीं उठाने को लेकर चीन और अन्य देशों की निंदा की तथा इसे वैश्विक महामारी घोषित करने में देरी को लेकर संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी पर भी सवाल उठाए।
चीन, WHO ने कोरोना रोकने को कार्रवाई नहीं की |
लाइबेरिया के पूर्व राष्ट्रपति एलेन जॉनसन सरलीफ और न्यूजीलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री हेलेन क्लार्क के नेतृत्व वाले पैनल ने सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि जनस्वास्थ्य की सुरक्षा संबंधी बुनियादी कदम उठाने का मौका शुरुआत में ही गंवा दिया गया।
पैनल ने कहा, चीनी अधिकारी लोगों के कोरोना संक्रमित होने के तुरंत बाद जनवरी में ही अधिक जोरदार तरीके से अपने प्रयासों को लागू कर सकते थे। वास्तविकता यह है कि कुछ ही देशों ने एक उभरती वैश्विक महामारी को रोकने के लिए उपलब्ध जानकारी का पूरा लाभ उठाया।
पैनल ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि डब्ल्यूएचओ ने इसे तुरंत वैश्विक जनस्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित क्यों नहीं किया। पैनल से कहा, एक और सवाल यह है कि यदि डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस को पहले वैश्विक महामारी घोषित किया होता, तो क्या इससे कोई मदद मिल सकती थी? हालांकि उसने कहा, कई देशों ने इस बीमारी को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोकने के लिए न्यूनतम कदम उठाए, लेकिन उसने किसी देश का नाम नहीं लिया।
डब्ल्यूएचओ ने 22 जनवरी को अपनी आपात बैठक बुलाई थी, लेकिन उसने कोरोना वायरस को 11 मार्च को वैश्विक महामारी घोषित किया। कोरोना महामारी से निपटने को लेकर डब्ल्यूएचओ को आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ पर इस संक्रमण को फैलने की बात छिपाने के लिए चीन के साथ मिलकर ‘गठजोड़’ करने का आरोप लगाया था और संगठन को दी जाने वाली अमेरिकी मदद रोक दी थी।
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