यूनेस्को से बाहर हुआ अमेरिका

Last Updated 13 Oct 2017 04:26:07 AM IST

अमेरिका ने यूनेस्को से बाहर होने की बृहस्पतिवार को घोषणा की. उसने संयुक्त राष्ट्र की इस सांस्कृतिक संस्था पर इस्राइल विरोधी रुख अपनाने का आरोप लगाया है.


यूनेस्को से बाहर हुआ अमेरिका

पेरिस स्थित यूनेस्को ने 1946 में काम करना शुरू किया था और यह विश्व धरोहर स्थल को नामित करने को लेकर मुख्य रूप से जाना जाता है.

यूनेस्को से बाहर होने का अमेरिका का फैसला 31 दिसम्बर 2018 से प्रभावी होगा. हालांकि, अमेरिका उस वक्त तक यूनेस्को का एक पूर्णकालिक सदस्य बना रहेगा.

विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नाउर्ट ने कहा, यह फैसला यूं ही नहीं लिया गया है. बल्कि यह यूनेस्को पर बढ़ती बकाया रकम की चिंता और यूनेस्को में इस्रइल के खिलाफ बढ़ते पूर्वाग्रह को जाहिर करता है. संस्था में मूलभूत बदलाव करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा, विदेश विभाग ने संयुक्त राष्ट्र वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) महानिदेशक इरीना बोकोवा को संस्था से अमेरिका के बाहर होने के फैसले की सूचना दी और यूनेस्को में एक स्थायी पर्यवेक्षक मिशन स्थापित करने की मांग की है.

प्रवक्ता ने कहा, अमेरिका ने महानिदेशक को गैर सदस्य पर्यवेक्षक के तौर पर यूनेस्को के साथ जुड़े रहने की अपनी इच्छा जाहिर की है ताकि संगठन द्वारा उठाए जाने वाले कुछ अहम मुद्दों पर अमेरिकी विचार, परिप्रेक्ष्य और विशेषज्ञता में योगदान दिया जा सके.

इन मुद्दो में विश्व धरोहर की सुरक्षा, प्रेस की स्वतंत्रता की हिमायत करना और वैज्ञानिक सहयोग एवं शिक्षा को बढ़ावा देना भी शामिल है.

किस्र्टन होंगे आंतरिक सुरक्षा मंत्री : व्हाइट हाउस में बुनियादी ढांचा और साइबर सुरक्षा मामलों की पृष्ठभूमि वाली एक वरिष्ठ अधिकारी को बृहस्पतिवार को अमेरिका के आंतरिक सुरक्षा विभाग की प्रमुख नामित किया गया. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घरेलू नीतियों के लिए यह विभाग महत्वपूर्ण है. ट्रंप ने कहा, वह डीएचएस की वरिष्ठ अधिकारी किस्र्टन नील्सन को 2.30 लाख कर्मचारियों वाला बड़ा  विभाग चलाने के लिए नामित कर रहे हैं. किर्सटन पूर्व मंत्री जॉन कैली की करीबी हैं.

एजेंसियां


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