रोहिंग्या संकट से अस्थिर हो सकता है क्षेत्र: बांग्लादेश

Last Updated 06 Oct 2017 04:46:55 PM IST

बांग्लादेश ने कहा कि रोहिंग्या संकट अभी एक मानवीय मुद्दा है, लेकिन इसमें क्षेत्र को अस्थिर बनाने की क्षमता है.


बांग्लादेश के विदेश सचिव शाहिदुल हक (फाइल फोटो)

विदेश सचिव एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से कल मुलाकात कर चुके बांग्लादेश के विदेश सचिव शाहिदुल हक ने कहा कि म्यांमा से रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों का लगातार आगमन प्रमुखता से चर्चा में रहा और उन्होंने इस मुद्दे के सभी पहलुओं की चर्चा की.

हक ने म्यांमा के रखाइन प्रांत में हिंसा को नस्ली सफाया करार देते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अवगत करा दिया गया है कि म्यांमा किस तरह रोहिंग्या अल्पसंख्यकों के अधिकार छीन रहा है.

उन्होंने यहां बांग्लादेश उच्चायोग में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, यह सिर्फ लोगों का आवागमन नहीं है बल्कि एक सुरक्षा मुद्दा भी है, जिसमें न सिर्फ म्यांमा और बांग्लादेश के इलाकों, बल्कि क्षेत्र को भी अस्थिर करने की क्षमता है.

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की समझ साफ है कि यह समस्या म्यांमा की पैदा की हुई है और उसका हल वहीं है. बांग्लादेश चाहता है कि शरणार्थी यथासंभव जल्द से जल्द वापस जाएं. 

म्यांमा ने बांग्लादेश से पांच लाख से ज्यादा रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों को वापस लेने का हाल में प्रस्ताव किया था और दोनों देश उनकी वापसी के समन्वय के लिए एक कार्यसमूह का गठन करने पर सहमत हुए हैं.



बांग्लादेशी विदश सचिव ने बताया कि बांग्लादेश ने हल सुझाते हुए म्यांमा को एक लिखित प्रस्ताव दिया था जिसके बाद दोनों देशों ने एक कार्यसमूह का गठन किया.

हक ने कहा, लोगों को किसी प्रक्रिया के माध्यम से उनके अपने देश भेजना एक सामान्य तरीका है. हमने प्रस्ताव दिया कि चूंकि संख्या ज्यादा है, हमें इस प्रक्रिया में अंतर्राष्ट्रीय निकायों को भी शामिल करना चाहिए.

भाषा


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