West Bengal: मुर्शिदाबाद में हिंसा पीड़ितों से राज्यपाल और NCW की टीम ने की मुलाकात, रोते-रोते बयां किया अपना दर्द; बंगाल सरकार की खुली पोल
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद राज्यपाल सी वी आनंद बोस और राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की एक टीम ने शनिवार को प्रभावित इलाकों का दौरा किया।
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पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में मारे गए एक दो लोगों के परिजनों से शनिवार को मुलाकात की और उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
हरगोविंद दास और चंदन दास के शव शमशेरगंज के जाफराबाद इलाके में उनके घर में पाए गए थे और शरीर पर चाकू से वार के कई निशान थे।
राजभवन के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘राज्यपाल उनके (मृतकों के परिजनों के) घर गए, परिवार के सदस्यों से बात की और उन्हें सहायता का आश्वासन दिया। परिजनों ने घटना की सीबीआई जांच की मांग की है।’’
उन्होंने बताया कि बोस जिले के धुलियान, सुती और जंगीपुर में अन्य हिंसा प्रभावित इलाकों का भी दौरा करेंगे।
इन मुस्लिम बहुल इलाकों में 8-12 अप्रैल को वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान भड़की हिंसा में पिता-पुत्र समेत कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई। इसके बाद इस सिलसिले में 274 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
अधिकारी ने बताया कि शमशेरगंज के लिए अपना दौरा शुरू करने से पहले बोस ने फरक्का के अतिथि गृह में प्रभावित परिवारों के कुछ सदस्यों से बात की जहां वह ठहरे हुए थे।
शुक्रवार को बोस ने मालदा का दौरा किया था और मुर्शिदाबाद जिले के हिंसा प्रभावित इलाकों से भागकर एक अस्थायी शरणार्थी शिविर में रह रहे लोगों से मुलाकात की थी। उन्होंने प्रभावित लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए ‘‘ठोस कार्रवाई’’ की जाएगी।
राज्यपाल ने कहा, ‘‘मैंने यहां शिविर में मौजूद परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। उन्होंने मुझे विस्तार से जानकारी दी है। निश्चित रूप से ठोस कार्रवाई की जाएगी।’’
दंगा प्रभावित मुर्शिदाबाद में एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष के सामने रो पड़ीं महिलाएं
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक धुलियान की महिलाओं ने केंद्र से हिंसा प्रभावित इलाकों में स्थायी रूप से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) शिविर स्थापित करने का आग्रह किया है, ताकि सांप्रदायिक अशांति के बाद उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को अपनी अध्यक्ष विजया रहाटकर के नेतृत्व में हिंसा प्रभावित लोगों से मिलने के लिए धुलियान का दौरा किया। प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के दौरान कई महिलाएं रो पड़ीं और केंद्रीय बलों की स्थायी तैनाती की गुहार लगाई।
एक महिला ने रोते हुए और प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य के पैर छूते हुए कहा कि हम यहां स्थायी बीएसएफ शिविरों के बिना जीवित नहीं रह सकते। यदि आवश्यकता हुई, तो हम उन्हें स्थापित करने के लिए अपनी जमीन और घर देने के लिए तैयार हैं।
एनसीडब्ल्यू की टीम ने स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी चिंताओं को केंद्रीय गृह मंत्रालय तक पहुंचाया जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने महिलाओं से कहा कि इस संकट की घड़ी में हम आपके साथ खड़े हैं। पूरा देश आपको देख रहा है और आपका समर्थन कर रहा है। हम केंद्र को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगे और इस क्षेत्र में बीएसएफ की स्थायी उपस्थिति की मांग भी शामिल करेंगे।
शनिवार के दौरे से पहले ही, एनसीडब्ल्यू सदस्य अर्चना मजूमदार ने क्षेत्र में स्थायी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) शिविरों की आवश्यकता पर जोर दिया था। मजूमदार ने शुक्रवार को कहा था कि मुर्शिदाबाद में पीड़ित महिलाओं ने अपनी गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीएपीएफ की स्थायी तैनाती की आवश्यकता को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया है। हम इस मुद्दे को केंद्र सरकार के समक्ष उठाएंगे।
इस बीच, मुर्शिदाबाद जिला प्रशासन ने संपत्ति के नुकसान पर एक प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार की है। शुरुआती अनुमानों के अनुसार, अशांति के दौरान 250 से अधिक घरों और 100 दुकानों में तोड़फोड़ की गई। एक वरिष्ठ जिला अधिकारी ने कहा कि यह सिर्फ शुरुआती अनुमान है। विस्तृत आकलन पूरा होने पर वास्तविक आंकड़ा बढ़ सकता है।
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