बांग्लादेश में हिंदू नेता भाबेश चंद्र रॉय की बेरहमी से हत्या, भारत ने लगाई फटकार, कहा- अपनी जिम्मेदारी निभाए यूनुस सरकार
भारत ने शनिवार को बांग्लादेश में एक हिंदू अल्पसंख्यक नेता के कथित अपहरण और हत्या की निंदा की और ढाका की अंतरिम सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी निभाने का आह्वान किया।
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि भाबेश चंद्र रॉय की ‘‘क्रूर हत्या’’ में बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की प्रवृत्ति नजर आ रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने बांग्लादेश में एक हिंदू अल्पसंख्यक नेता भाबेश चंद्र रॉय के अपहरण और क्रूर हत्या को देखा है।’’
जायसवाल ने कहा, ‘‘यह हत्या अंतरिम सरकार के तहत हिंदू अल्पसंख्यकों की योजनाबद्ध उत्पीड़न की प्रवृत्ति का एक तरीका है, जबकि पिछली ऐसी घटनाओं के अपराधी दंड से बचकर (अब तक) घूम रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस घटना की निंदा करते हैं और एक बार फिर अंतरिम सरकार को याद दिलाते हैं कि वह बिना किसी बहाने के या भेदभाव के हिंदुओं समेत सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी को पूरा करे।’’
We have noted with distress the abduction and brutal killing of Shri Bhabesh Chandra Roy, a Hindu minority leader in Bangladesh.
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) April 19, 2025
This killing follows a pattern of systematic persecution of Hindu minorities under the interim government even as the perpetrators of previous such…
बांग्लादेश पूजा उडजापान परिषद की बिराल इकाई के उपाध्यक्ष रॉय को गुरुवार शाम दिनाजपुर जिले में उनके घर से अगवा कर लिया गया।
पुलिस और परिवार के अनुसार, उन्हें शाम करीब 4:30 बजे एक फोन आया, जिसके बाद चार अज्ञात लोग मोटरसाइकिल पर आए और उन्हें जबरन नाराबारी गांव ले गए।
कथित तौर पर रॉय पर हमला किया गया और वे बेहोश पाए गए। उन्हें दिनाजपुर के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
भारत में विपक्षी नेताओं ने भी पड़ोसी देश में हुई इस घटना की निंदा की।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं। उन्होंने कहा, "अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर भी हमले जारी हैं। हाल ही में बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के बारे में बहुत ही निंदनीय और निराशाजनक टिप्पणी की। बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, मानवाधिकारों का उल्लंघन, 1971 के मुक्ति संग्राम की यादों को मिटाने की कोशिश, भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों को कमजोर करने का प्रयास है। 1971 से लेकर आज तक भारत ने हमेशा बांग्लादेश के सभी लोगों के लिए शांति और समृद्धि की कामना की है। यही उपमहाद्वीप के सर्वोत्तम हित में है।"
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में कहा, "भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस बांग्लादेश के दिनाजपुर में हिंदू समुदाय के एक प्रमुख नेता भावेश चंद्र रॉय की क्रूर हत्या की कड़ी निंदा करती है। अपहरण और हमले के कारण उनकी दुखद मृत्यु इस क्षेत्र में धार्मिक अल्पसंख्यकों में बढ़ती असुरक्षा की भावना की एक भयावह याद दिलाती है।"
पिछले साल अगस्त में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के ढाका से चले जाने के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों में गिरावट आई है।
मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार द्वारा देश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं पर हमलों को रोकने में विफल रहने के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में दूरी पैदा हो गयी है।
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