Ashadha Gupt Navratri 2024: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि शनिवार से शुरू, घोड़े पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा, जानें क्या है महत्व

Last Updated 05 Jul 2024 04:33:06 PM IST

हिंदू धर्म में मां दुर्गा को समर्पित नवरात्रि का विशेष महत्व है। साल में चार बार नवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है जिसमें एक चैत्र नवरात्रि, दूसरा शारदीय नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि।


आषाढ़ महीने की गुप्त नवरात्री शनिवार से शुरू हो रही है। इस दौरान महाविद्याओं में पूजा करने का विधान है।  इसका समापन 15 जुलाई को होगा, गुप्त नवरात्रि में पूजा करने का विशेष महत्व है।

गुप्त नवरात्रि के बारे में जानकारी देते हुए श्री हजारेश्वर महादेव मंदिर महंत श्रीचंद्रभारती महाराज ने बताया कि प्रत्येक वर्ष में दो बार माघ और आषाढ़ महीने में गुप्त नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। हिंदु पंचाग के मुताबिक आषाढ़ महीने के गुप्त नवरात्र शनिवार से शुरू हो रहे हैं जिनका 15 जुलाई को समापन होगा। इस बार ये 9 नहीं बल्कि दस दिनों तक है। गुप्त नवरात्रि में मुख्य रूप से तंत्र साधनाओं का महत्व होता है जिन्हें गुप्त रूप से किया जाता है इसलिए यह गुप्त नवरात्रि कहलाती है।

उन्होंने कहा कि इस गुप्त नवरात्री में अघोरी और तांत्रिक गुप्त महाविद्याओं को सिद्ध करने के लिए विशेष पूजा अर्चना करते हैं। यह मोक्ष की कामना के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। गुप्त नवरात्री देवी के भक्तों के लिए बहुत खास है, इस दौरान मां दुर्गा के सप्तशती का पाठ करने से भक्तों को शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

उन्होंने बताया कि प्रथम दिन मां काली, दूसरे दिन मां तारा, तीसरे दिन मां त्रिपुरा सुंदरी, चौथे दिन मां भुवनेश्वरी, पांचवें दिन मां छिन्नमस्ता, छठे दिन मां भैरवी, सातवें दिन मां धूमावती, आठवें दिन मां बगलामुखी, नौवें दिन मां मातंगी देवी और दसवें दिन मां कमला की साधना करने से माता रानी की विशेष कृपा होती है।

बता दें, गुप्त नवरात्रि हिंदू का नौ रात तक मनाया जाने वाला त्यौहार है। इस दौरान मां शक्ति के विभिन्न रूपों को पूजा जाता है। इस दौरान भक्त देवी का आशीर्वाद और आध्यात्मिक विकास पाने के लिए उपवास रखते हैं, मंत्र पढ़ते हैं और पूजा करते हैं। कहा जाता है कि इस दौरान माता की आराधना करने से सिद्धि प्राप्त होती है।

शनिवार से आरंभ होने के कारण दुर्गा माता अश्व पर सवार होकर आएंगी। दुर्गा सप्तमी का व्रत 13 जुलाई को रखा जाएगा। दुर्गा अष्टमी का व्रत 14 जुलाई को और महानवमी 15 जुलाई को होगी। उसी दिन भगवती मां का विसर्जन हो जाएगा।
 

आईएएनएस
चित्तौड़गढ़


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