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कार्य- स्टॉक मार्केट के जरिए इन्वेस्टमेंट में सबसे महत्वपूर्ण होता है म्यूचुअल फंड. जो कंपनी इस तरह की सुविधाएं मुहैया कराती हैं, उन्हें एससे मैनेजमेंट कंपनीज (एएमसीज) कहा जाता है. ये कंपनियां इन्वेस्टर्स और मार्केटिंग फंड एजेंट्स के प्रति जिम्मेदार होते हैं. इसके अलावा, मार्केटिंग फंड एजेंट्स, डिस्ट्रीब्यूटर्स, बैंक इम्प्लॉई होते हैं जो म्यूचुअल फंड की मार्केटिंग से जुड़े होते हैं. फंड मैनेजर क्लाइंट्स को सलाह भी देते हैं कि कहां इन्वेस्ट करना फायदेमंद है और कहां नहीं. उनकी जिम्मेदारी होती है कि वे बाजार पर कड़ी नजर रखें, अपने क्लाइंट को बेहतर रिटर्न दें और कामकाज को गुप्त रखें. फंड मैनेजर बनने के लिए आपके पास फाइनेंस में एमबीए की डिग्री होनी आवश्यक है. डिस्ट्रीब्यूटर के तौर पर उन्हीं लोगों की नियुक्ति होती है जो इन्वेस्टर को अच्छी तरह समझा सकते हैं. लीड मैनेजर वे होते हैं जो कंपनी की स्कीम और इन्वेस्टर्स के साथ अच्छा तालमेल बिठाने में सक्षम होते हैं. डीलर ट्रेड से जुड़ा होता है और वह इन्वेस्टर्स और इक्विटी मार्केट पर नजर रखता है. यदि आप अपना करियर बतौर डीलर शुरू करना चाहते हैं तो आपको एनसीएफएम की सर्टिफिकेट इन फाइनेंशियल मार्केट की परीक्षा पास करनी अनिवार्य है. यह परीक्षा ऑनलाइन देने की सुविधा है. परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आपको आईडी कोड मुहैया कराया जाता है और आप उसी के आधार पर ट्रेडिंग कर सकते हैं.