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- क्रिमिनल जस्टिस दिखाए भविष्य की राह
कोर्स- गौरतलब है कि क्रिमिनल जस्टिस क्रिमिनोलॉजी का एक हिस्सा है जो सामाजिक व्यवस्था के तहत अपराध, अपराध के कारण, आपराधिक व्यवहार और दूसरे मामलों का अध्ययन करता है. इससे संबंधित विभाग की शुरुआत 1916 में ब्रेकली स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में हुई थी. इस विषय का अध्ययन रिसर्च क्रिमिनोलॉजी, सोशियोलॉजी और साइकोलॉजी विषय से जुड़े लोग करते हैं. क्रिमिनल जस्टिस के तहत प्रैक्टिकल और टेक्निकल पॉलिसिंग की जानकारी दी जाती है. भारत में अधिकतर विश्वविद्यालयों में इसकी पढ़ाई क्रिमिनोलॉजी से संबंधित कोर्स के तहत होती है लेकिन अब कहीं-कहीं इससे संबंधित डिप्लोमा कोर्स भी संचालित किया जाने लगा है. स्नातकोत्तर और पीजी डिप्लोमा कोर्स में एडमिशन स्नातक की डिग्री के बाद लिया जा सकता है. कई बार लॉ की डिग्री होने के बाद भी आपको इससे संबंधित अतिरिक्त कोर्स करना पड़ सकता है. इसे पाने के बाद ही आप इस फील्ड में आ सकते हैं.