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- बेहतरीन मौकों से भरपूर फाइनेंस
फाइनेंस के जो भी छात्र प्रबंधन में आगे बढ़ना चाहते हैं, वे इस फील्ड में आगे बढ़ सकते हैं और फिर किसी भी कंपनी में वरिष्ठ पद तक पहुंच सकते हैं. एमबीए प्रोग्राम की अवधि एक या फिर दो साल की होती है. एक वर्ष के बाद जब छात्र इंटर्नशिप के लिए जाते हैं तो वह उनके करियर के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है. अभी तक छात्र विदेश के ख्यातिप्राप्त यूनिवर्सिटी या स्पेश्लाइज्ड कोर्स मसलन सीएफए, लॉ, सर्टिफिकेट्स आदि का अध्ययन करते थे. इसके अलावा मास्टर ऑफ साइंस अच्छा ऑप्शन था. जो लोग एकेडमिक्स में आना चाहते हैं, उनके लिए पीएचडी बेहतर ऑप्शन है. फाइनेंस कोर्स से संबंधित कई तरह के कोर्स संचालित किए जाते हैं. पर्सनल फाइनेंस, कॉरपोरेट फाइनेंस, इंटरनेशनल फाइनेंस, फाइनेंशियल मैनेजमेंट आदि से संबंधित कोर्स महत्वपूर्ण हैं. इन कोर्स के जरिए छात्र फाइनेंस, इनवेस्टमेंट और कंपनी पर पड़ने वाले इकोनॉमी इफेक्ट को समझते हैं. पर्सनल फाइनेंस से संबंधित कोर्स हैं चार्टर्ड वेल्थ मैनेजर और सर्टिफिकेट फाइनेंशियल प्लानर. कॉरपोरेट फाइनेंस के तहत बैंकिंग, एनलिटिकल, फाइनेंशियल मैनेजमेंट और फाइनेंशियल मॉडलिंग जैसे कोर्स हैं. इसके तहत चार्टर्ड एकाउंटेंसी प्रोग्राम, कॉस्ट एकाउंटेंसी प्रोग्राम, चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट प्रोग्राम, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बैंकिंग जैसे कोर्स हैं.