उत्तर प्रदेश : प्रवासी भारतीय देंगे विकास को रफ्तार
हमारे देश में कहावत है-‘स्वदेशो भुवनत्रयम’। अर्थात, ‘हमारे लिए पूरा विश्व ही हमारा देश है और केवल मनुष्य ही हमारे भाई-बहन हैं।’ इसी वैचारिक आधार पर हमारे पूर्वजों ने भारत के सांस्कृतिक विस्तार को आकार दिया।
उत्तर प्रदेश : प्रवासी भारतीय देंगे विकास को रफ्तार |
हम दुनिया के अलग-अलग कोनों में गए। हमने सभ्यताओं के मेल की अनंत संभावनाओं को समझा। हमने सदियों पहले वैश्विक व्यापार की एक असाधारण परंपरा शुरू की थी। हमने असीमित लगने वाले समुद्र को पार किया। भारत और भारतीयों ने दिखाया है कि कैसे विभिन्न देशों और विभिन्न सभ्यताओं के बीच व्यापारिक संबंध साझा समृद्धि का रास्ता खोल सकते हैं।
17 वे प्रवासी भारतीय सम्मेलन पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उद्बोधित उपरोक्त वक्तव्य प्रत्येक भारतीय और विशेषकर प्रवासी भारतीयों को आत्मविश्वास से भर देने वाला है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद प्रवासी भारतीयों को लेकर एक गंभीरता देखी गई है।
विदेशी सरजमीं पर रह रहे भारतीयों को अपनी जड़ों से जोड़ने और यहां की अर्थव्यवस्था में उनकी भूमिका तलाशने के लिए अनुकूल पृष्ठभूमि प्रदान करने का कार्य वर्तमान सरकार में त्वरित गति से हो रहा है इसमें संदेह नहीं है। प्रवासी भारतीय विदेश में रहते हुए भी देश की अर्थव्यवस्था पर अपना असर छोड़ रहे हैं। र्वल्ड बैंक की रिपोर्ट इसकी पुष्टि करती है। माइग्रेशन एंड डेवलपमेंट ब्रीफ 2022 रिपोर्ट कहती है कि विदेश में कमाई करके उसे अपने देश भेजने वालों में प्रवासी भारतीय दुनिया में सबसे आगे हैं। 2022 में निम्न और मध्यम आय वाले देशों से भारत आने वाली राशि में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई। आज यह राशि बढ़कर 626 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार उत्तर प्रदेश के प्रवासी भारतियों को यहाँ की अर्थव्यवस्था में स्वेच्छा से उनके योगदान को सुनिश्चित करने के लिए महत्त्वपूर्ण कदम उठा रही है।
इसी कड़ी में वह उत्तर प्रदेश के प्रवासियों के साथ एक नीति लाने पर जोर दे रही है, जहां सम्मेलनों, चर्चाओं और बैठकों के जरिए ऐसे अवसर उत्पन्न होंगे, जो यूपी मूल के प्रवासी भारतीयों को निवेश के विभिन्न क्षेत्रों से भली भांति परिचित कराते हुए उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित करेंगे। यह नीति प्रदेश के प्रवासी और सरकार के बीच जुड़ाव, समझ को बढ़ावा देने के साथ ही प्रवासी भारतीय समुदाय से संबंधित नई पहल और नीतियों की घोषणा के लिए सरकार के लिए एक मंच के रूप में भी कार्य कर सकेगी। अब उत्तर प्रदेश के प्रवासी भारतीय भी इस बात को समझ चुके हैं कि यह राज्य केवल सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य ही नहीं है बल्कि सर्वाधिक सम्भावनाओं वाला राज्य भी है जो अकूत प्राकृतिक संसाधनों के साथ ही पर्याप्त मानवीय कुशलता को भी समेटे हुए है। प्रवासी उत्तर प्रदेशवासी राज्य में अपने व्यवसाय शुरू कर सकें; इसके लिए सरकार उन्हें अनुकूल पृष्ठभूमि प्रदान कर रही है। ज्ञात है कि कोविड-19 महामारी के दौरान राज्य सरकार को 32 अनिवासी भारतीयों से 1045 करोड़ रु पए के निवेश प्रस्ताव मिले थे। ये प्रस्ताव कृषि, रक्षा और आईटी क्षेत्रों सहित अन्य क्षेत्रों में मिले थे, जिससे यह संभावनाएं बनी कि यदि इस क्षेत्र में प्रयास किए जाएं तो प्रदेश में निवेश को पर्याप्त बढ़ावा मिल सकता है।
उत्तर प्रदेश सरकार, तमाम भारतीय दूतावासों से संपर्क कर हजारों एनआरआई का डेटाबेस तैयार कर रही है। इसके अंतर्गत राज्य सरकार, उत्तर प्रदेश के एनआरआई को ‘एनआरआई कार्ड’ जारी कर रही है। उपलब्ध पुराने आंकड़ों के अनुसार अब तक यह कार्ड 540 एनआरआई को जारी किया जा चुका है। जनवरी 2023 में प्रदेश सरकार ने यह व्यवस्था भी प्रदान की है कि यदि कोई प्रवासी भारतीय अपने पुरखों की याद में कोई सामुदायिक निर्माण करना चाहे तो सरकार उसके खर्च का 40 फीसद वहन करेगी। बदले में शिलापट्टिका या निर्माण कार्य पर वे अपने पुरखों का नाम अंकित करवा सकते हैं। सरकार का ध्यान विदेश में रह रहे ऐसे प्रभावशाली प्रवासी भारतीयों पर है, जिनकी जड़ें उत्तर प्रदेश से जुड़ी हुई हैं। इन सबको एक मंच पर लाने हेतु एक वेबसाइट http://www.nri.up.gov.in बनाया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के प्रवासियों को प्रोत्साहित करने के लिए यूपी प्रदेश प्रवासी भारतीय रत्न पुरस्कार 2021 से दिया जा रहा है।
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार को विदेशों में कार्यरत भारतीय कामगारों की भी चिंता है। कई ऐसे वाकए सामने आए जब कुशल श्रमिक निजी एजेंसियों या एजेंटों के जरिए वहां भेज दिए गए और वे वहां गुमराह होकर शोषण का शिकार बन गए। श्रमिकों को इस प्रकार की धोखाधड़ी से बचने के लिए उप्र के एनआरआई विभाग ने अपनी यूपीएफसी ओवरसीज मैनपावर रिक्यूट्रमेंट एजेंसी को राज्य के सेवा योजना पोर्टल से लांच किया है। भारत, दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, साफ्टवेयर और डिजिटल से लेकर अंतरिक्ष तक में हम वैश्विक पताका लहरा रहे हैं। ऐसी पर्याप्त संभावनाओं के बीच आदित्यनाथ की सरकार द्वारा यूपी मूल के प्रवासी भारतीयों को सूबे से जोड़ने की योजना सराहनीय है और यह प्रदेश में निवेश को बढ़ाएगी और विकास के रफ्तार को और भी गति मिलेगी।
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