पाकिस्तान : हिंदुओं को हौसला दे सरकार

Last Updated 25 Jul 2023 01:29:21 PM IST

सीमा हैदर के भारत आने के बाद पाकिस्तान में हिंदुओं के अपहरण और मंदिरों पर हमले की घटनाओं ने वहां के अल्पसंख्यकों में नए सिरे से डर पैदा किया है तो भारत में गुस्सा।


पाकिस्तान : हिंदुओं को हौसला दे सरकार

पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि हिंदू समुदाय के 30 लोगों को बंधक बना लिया गया है। हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ और हमले की घटनाएं भी हो रही है। सिंध के डकैतों ने सीमा की वापसी की मांग की थी। कहा जा रहा है कि इन डकैतों ने सिंध के दो जिलों काश्मोर और घोटकी से 30 हिंदुओं को अगवा किया। इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं।  

सिंध के डकैत उम्र शाह ने मंदिर को चिह्नित करते हुए धमकी दी कि बक्शापुर काश्मोर के हिस्सों में भी मंदिरों को निशाना बनाया जाएगा।  इसके बाद से हिंदुओं ने मंदिर जाना बंद कर दिया था। देख लीजिए, कराची शहर के सोल्जर बाजार इलाके में 150 साल पुराने मारी माता मंदिर को बुलडोजर चलाकर तोड़ डाला गया। कराची के श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर के रामनाथ मिश्रा महाराज का बयान पाकिस्तानी मीडिया में है कि मारी माता मंदिर शहर के मुख्य स्थान पर था इसलिए भू माफियाओं ने जमीन को हथियाने के लिए पुलिस से मिलीभगत कर सीमा के भारत जाने की घटना का लाभ उठाते हुए मंदिर तोड़ दिया। इसके एक दिन बाद सिंध प्रांत के काशमोर स्थित मंदिर पर रॉकेट लॉन्चर से हमला किया गया। संयोग से रॉकेट लॉन्चर फट नहीं पाया और लोग सुरक्षित बच गए। मंदिर के आसपास रह रहे हिंदू समुदाय के लोगों के घरों पर ताबड़तोड़ गोलीबारी भी की गई। यह मंदिर बागड़ी समुदाय का है।

साफ है कि धमकी देने वालों का इरादा पहले से स्पष्ट था। आम निष्कर्ष यही होगा कि अगर सीमा भागकर भारत नहीं आती तो इस तरह की घटनाएं नहीं होती। किंतु पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे व्यवहार को आधार बनाएं तो यह निष्कर्ष बिल्कुल गलत लगेगा। सच यह है कि हिंदुओं और मंदिरों पर हमले के लिए सीमा हैदर को बहाना बनाया गया है। आमतौर पर इसे कट्टरपंथियों की कार्रवाई मानते हैं, जो किसी भी मुस्लिम महिला के हिंदू बनने या हिंदू लड़के से शादी करने को इस्लाम विरु द्ध आचरण मानते हैं। किंतु ऐसी घटनाओं का वहां जन समुदाय का विरोध नहीं होता तो कहना होगा कि यह पाकिस्तान के राष्ट्र की नीति है। क्या जब सीमा भारत नहीं आई थी तो वहां हिंदू लड़कियां, बच्चे और मंदिर सुरक्षित थे?

क्या पाकिस्तानी प्रशासन को पता नहीं कि घोटकी और काश्मोर नाबालिग हिंदू लड़िकयों के जबरन धर्मातरण के लिए कुख्यात है? भरचुंडी श्राइन का अब्दुल हक उर्फ  मियां मिट्ठु हिंदू लड़कियों का अपहरण कर उन्हें मुस्लिम बनाने एवं निकाह कराने का अभियान चलाता रहता है। ब्रिटिश सरकार ने 2022 में उसे प्रतिबंधितों की सूची में डाला था। पाकिस्तान में 40 लाख हिंदू हैं, जिनमें से 80 प्रतिशत सिंध में रहते हैं। जाहिर है धमकियों को देखते हुए इनकी सुरक्षा की व्यवस्था की जानी चाहिए थी।  पाकिस्तानी मीडिया में भी ऐसी कोई खबर नहीं जिसमें हिंदू स्थलों एवं हिंदुओं की सुरक्षा की विशेष व्यवस्था की गई हो।

इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं। 2019 में ऑल पाकिस्तान हिंदू राइट्स मूवमेंट ने एक सर्वे रिपोर्ट दिया था। इसके अनुसार बंटवारे के समय पाकिस्तान में करीब 428 मंदिरों के बारे में जानकारी थी। धीरे-धीरे इन मंदिरों को कब्जे में लेकर तोड़कर दुकान, रेस्टोरेंट, होटल, कार्यालय, सरकारी विद्यालय, मदरसे आदि खोल दिए गए। कुछ मंदिरों के निर्माण को तो शौचालयों में बदल दिया गया। वस्तुत: विभाजन के बाद पाकिस्तान सरकार ने इवेक्यूई प्रॉपर्टी ट्रस्ट बोर्ड की स्थापना की थी। इनमें गैर मुस्लिम अल्पसंख्यकों की पूजा से संबंधित स्थानों की लगभग 1.35 लाख एकड़ जमीन पट्टे पर दे दिया गया। इस ट्रस्ट ने धीरे-धीरे सारे मंदिरों की जमीन पर कब्जा कर लिया।

सर्वे रिपोर्ट के बाद इमरान खान सरकार ने 400 मंदिरों को खोलने की घोषणा की। यही नहीं जिन मंदिरों की स्थिति बहुत खराब थी या जो उपयोग लायक नहीं थे उनको सरकारी धन से मरम्मत करने की भी घोषणा की गई। तब सियालकोट में 1000 वर्ष से भी ज्यादा पुराना शिवाला तेज मंदिर खोला गया था। इस्लामाबाद में एक मंदिर बनाने की घोषणा हुई और उसकी शुरु आत भी हुई। इसका भी भारी विरोध हुआ। पाकिस्तान का आम माहौल यही है कि इस्लाम के अलावा वहां अन्य मजहब के लोगों और धर्म स्थलों के लिए कोई स्थान नहीं। भारत में बनाए गए नागरिकता संशोधन कानून की आवश्यकता पाकिस्तानी हिंदुओं की इसी दुर्दशा में निहित है। लगातार हम मंदिरों पर हमले के समाचार सुन रहे हैं। प्रत्येक वर्ष हिंदुओं के धर्म परिवर्तन के अनेक मामले सामने आते हैं, जिसे पाकिस्तान का मानवाधिकार आयोग भी समय-समय पर स्वीकार करता है।

वास्तव में पाकिस्तान में गैर मुस्लिम यानी हिंदू ईसाई लड़कियों के अपहरण धर्म परिवर्तन और उसके बाद उसकी मुसलमान से निकाह अब ऐसी घटना नहीं होती, जिससे वहां बड़ा समाचार बनाकर मीडिया प्रस्तुत करें। यानी इसे आम घटना मान लिया गया है। यूनाइटेड स्टेट्स कमिशन इंटरनेशनल रिलिजियस फ्रीडम की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में हर वर्ष एक हजार से ज्यादा लड़कियों का धर्म परिवर्तन कराया जाता है। ध्यान रखिए विभाजन के बाद आज के पाकिस्तान या पश्चिम पाकिस्तान में हिंदुओं की जनसंख्या 15 प्रतिशत थी, जो इस समय 1.6 प्रतिशत के आसपास है। कहां गए सारे हिंदू? अल्पसंख्यकों के विरु द्ध वहां ईशनिंदा कानून सबसे बड़ा हथियार बना है।

सरकारें कोई भी हो इस स्थिति में बदलाव नहीं आया। सीमा के कराची स्थित किराए के घर तक की तस्वीरें गलियां से लेकर उसके पहचान पत्र को मीडिया ने सामने ला दिया है। पति भी दुबई से सामने आ गया है। इसलिए उसके पाकिस्तानी होने में कोई संदेह नहीं है। उत्तर प्रदेश आतंक रोधी दस्ते ने जांच शुरू की है और केंद्रीय एजेंसियों का सहयोग मिल रहा है तो उम्मीद करनी चाहिए कि सच सामने आ जाएगा। इससे बड़ा मुद्दा पाकिस्तान में सीमा हैदर के भारत आने को आधार बनाकर हिंदुओं का अपहरण, मंदिरों पर हमले तथा अन्य हिंसक कार्रवाइयां हैं। पाकिस्तान सरकार की जिम्मेवारी बनती है कि वह इसके विरु द्ध कार्रवाई करे। हालात की गंभीरता को देखते हुए संपूर्ण विश्व को हिंदुओं के विरु द्ध हिंसा, धर्म स्थलों को तोड़ने, जबरन धर्मातरण करने के विरुद्ध खड़ा होना चाहिए।

अवधेश कुमार


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