सरोकार : मैक्सिको में गर्भपात के पक्ष में अदालत का फैसला
पिछले हफ्ते अमेरिका में गर्भपात विरोधी कानून पर चर्चा की थी। इसी कड़ी में आगे खबर मिली है कि मैक्सिको के कोहूलिया राज्य में स्वैच्छिक गर्भपात के लिए रास्ता खुलने लगा है।
सरोकार : मैक्सिको में गर्भपात के पक्ष में अदालत का फैसला |
हाल में मैक्सिको के सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य के गर्भपात कानून को निरस्त कर दिया है। कहा है कि गर्भपात के लिए किसी को सजा देना असंवैधानिक है। इस फैसले के बाद गर्भपात समर्थकों का दावा है कि देश गर्भपात को गैर-आपराधिक बनाने की दिशा में बढ़ा जा रहा है। यह फैसला 10 बनाम शून्य के मत से लिया गया।
अदालत ने कोहूलिया को निर्देश दिया कि अपने क्रिमिनल कोड से गर्भपात पर लगे प्रतिबंध को हटाए। न्यायधीशों का तर्क था कि स्वैच्छिक गर्भपात पर पाबंदी का मतलब है, अपने शरीर पर स्त्रियों के अधिकारों का उल्लंघन। महिला न्यायाधीश लुइस मारिया एग्यूलार ने कहा, यहां गर्भपात के अधिकार का मसला नहीं है। मुद्दा यह है कि किसी महिला को अपने फैसले खुद लेने का अधिकार है या नहीं। मैक्सिको में इस फैसले से पहले बहुत सी महिलाओं ने इस संबंध में याचिकाएं दायर की थीं। याचिकाओं में स्वास्थ्य कारणों से, या यौन हमले के कारण महिलाएं गर्भपात की अनुमति मांग रही थीं। दूसरी तरफ, सरकार कई सालों से कोशिश में थी कि संवैधानिक संशोधनों के जरिए गर्भपात पर पाबंदी लगा दे।
सर्वोच्च न्यायालय इस वजह से ऐसा कर पाया कि देश के सभी राज्यों को अपनी स्वास्थ्य नीतियां बनाने की अनुमति है। कोहूलिया के कानून में बदलाव की बात करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि गर्भपात को अपराध बनाने से गरीब और हाशिए पर मौजूद महिलाओं को सजा मिलती है। यह ऐसा अपराध है, जिसकी प्रकृति गरीबों को सजा देना है।
ब्राजील के बाद मैक्सिको में दुनिया की दूसरी सबसे ज्यादा कैथोलिक आबादी रहती है। यहां के तीन चौथाई लोगों ने जनगणना के दौरान खुद को कैथोलिक आस्था रखने वाला बताया था, लेकिन सरकार खुद को धर्मनिरपेक्ष बताती है। फिर पदारियों से जुड़े सेक्स स्कैंडल्स के बाद चर्च का दबदबा कम भी हुआ है। हां, इस फैसले से चर्च नाराज भी है। फ्रॉम द फेथ नाम की मैगेजीन में वह कह चुका है कि अदालतों को नये फैशन में आकर फैसले नहीं करने चाहिए। मैक्सिको का कानून कहता है कि आठ न्यायाधीश मिलकर कोई फैसला करते हैं तो राज्य के कानून की जगह उस फैसले को लागू माना जाता है। मैक्सिको में हर साल 10 लाख से ज्यादा गर्भपात कराए जाते हैं और अधिकतर असुरक्षित हालात में होते हैं। इसीलिए अवांछित गर्भावस्थाएं देश की बड़ी समस्या है। वैसे लैटिन अमेरिका के चार देशों में गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में हर हालत में गर्भपात कराने की अनुमति है। ये देश हैं, अज्रेटीना, क्यूबा, उरु ग्वे और गयाना। क्यूबा ने 1979 में एक कानून बनाकर महिलाओं के लिए गर्भपात सेवाओं को आसान कर दिया था।
इसके बाद पीनल कोड में यह संशोधन किया गया कि गर्भपात प्रॉफिट के लिए कराया जाए, स्वास्थ्य केंद्र के बाहर हो, नॉन मेडिकल स्टाफ करे या महिला की मर्जी के खिलाफ कराया जाए तभी वह अपराध होगा। देश की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में गर्भपात की सेवा मुफ्त है। इसके बाद क्यूबा महिलाओं की मृत्यु दर में भी गिरावट हुई। दूसरी तरफ अल सल्वाडोर में गर्भपात कराने वाली औरत पर नरसंहार का मामला बनता है, और वह दसियों साल तक जेल में बंद रहती है।
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