कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरूवार को दावा किया कि ‘नमामि गंगे’ योजना के तहत आवंटित धन की 55 प्रतिशत राशि खर्च नहीं की गयी जो इस बात का प्रमाण है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गंगा की सफाई की अपनी गारंटी भुला दी और सफाई के नाम पर मां गंगा को केवल धोखा दिया।

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खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मोदी जी ने कहा था कि उनको ‘‘मां गंगा ने बुलाया है’’ पर सच ये है कि उन्होंने गंगा सफ़ाई की अपनी गारंटी को भुलाया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘क़रीब 11 वर्ष पहले, 2014 में, नमामि गंगे योजना शुरू की गई थी। नमामि गंगे योजना में मार्च 2026 तक 42,500 करोड़ रुपये का इस्तेमाल किया जाना था, पर संसद में दिए गए प्रश्नों के जवाब से पता चलता है कि दिसंबर, 2024 तक केवल 19,271 करोड़ रुपये ख़र्च हुए हैं। यानी मोदी सरकार ने नमामि गंगे योजना का 55 प्रतिशत धन ख़र्च ही नहीं किया।’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने सवाल किया कि मां गंगा के प्रति इतनी उदासीनता क्यों?
उन्होंने कहा, ‘‘2015 में मोदी जी ने हमारे एनआरआई साथियों से ‘स्वच्छ गंगा कोष’ में योगदान देने का आग्रह किया था। मार्च, 2024 तक इस इस कोष में 876 करोड़ रुपये दान दिए गए, पर इसका 56.7 प्रतिशत हिस्सा अब तक इस्तेमाल नहीं हुआ है। इस फंड का 53 प्रतिशत सरकारी उपक्रमों से दान लिया गया है।’’
खरगे ने दावा किया, ‘‘ नवंबर, 2024 में राज्य सभा में दिया गया एक उत्तर बताता है कि नमामि गंगे की 38 प्रतिशत परियोजनाएं अभी लंबित हैं। सीवेज ट्रीमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाने के लिए कुल आवंटित धन का 82 प्रतिशत ख़र्च किया जाना था पर 39 प्रतिशत एसटीपी अभी भी पूरे नहीं हुए हैं और जो पूरे हुए हैं वो चालू ही नहीं हैं।’’
उनके मुताबिक, नवंबर 2024 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने मोदी जी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गंगा की सफाई बनाए रखने में प्रशासन की विफलता पर कड़ी नाराजगी जताई थी तथा कड़ी फटकार लगाते हुए सुझाव दिया था कि नदी के किनारे एक बोर्ड लगाया जाए, जिसमें लिखा हो कि शहर में गंगा का पानी नहाने के लिए सुरक्षित नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘गंगा जीवनदायनी है। भारत की संस्कृति और उसकी आध्यात्मिक धरोहर है।’’
खरगे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने गंगा सफ़ाई के नाम पर मां गंगा से केवल धोखा ही किया है।
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