15 हजार रुपये से अधिक वेतन वाले अभी EPFO का खाताधारक नहीं बनेंगे, पीएफ नहीं चुकाने वाले कारोबारियों का जुर्माना माफ
पंद्रह हजार रुपए से अधिक वेतन वाले कर्मियों को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) का खाताधारक बनने के लिए और इंतजार करना पड़ सकता है।
15 हजार रुपये से अधिक वेतन वाले अभी EPFO का खाताधारक नहीं बनेंगे |
शनिवार को जब ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक में यह मुद्दा उठा तो श्रम मंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया। सरकार का इरादा 1000 रुपए वाली न्यूनतम पेंशन को भी बढ़ाने का नहीं है।
सीबीटी की बैठक में जब न्यासी बोर्ड के सदस्यों (ट्रस्टी) ने यह विषय उठाया तो श्रम मंत्री ने इस बारे में भी कोई आश्वासन नहीं दिया। श्रम मंत्री ही सीबीटी के अध्यक्ष होते हैं। ईपीएफओ के सारे फैसले सीबीटी ही लेती है।
सीबीटी के सदस्य एस मलेशम ने बताया कि उन्होंने बैठक में 30,000 रुपए तक वेतन पाने वाले कर्मियों और श्रमिकों को ईपीएफओ का सदस्य बनाने का मुद्दा उठाया जिस पर चर्चा भी हुई लेकिन श्रम मंत्री ने कोई आश्वासन नहीं दिया। मलेशम आरएसएस के श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के उपाध्यक्ष भी हैं, उन्होंने ही बैठक में न्यनूतम वेतन को 5000 रुपए तक बढ़ाने का मुद्दा उठाया था और यह मांग भी रखी थी कि पेंशनर को महंगाई भत्ते और मुफ्त इलाज की भी सुविधा मिलनी चाहिए। उन्होंने बताया है कि इस विषय में भी श्रम मंत्री से कोई जवाब नहीं मिला।
सीबीटी के उक्त सदस्य ने श्रमिकों के साथ-साथ ईपीएफओ कर्मचारियों पर काम के बोझ का मुद्दा भी उठाया और कहा कि कर्मचारियों की संख्या दोगुनी किए बिना अच्छी सेवा नहीं मिल सकती।
उन्होंने कहा कि पिछले दस सालों में ईपीएफओ के खाताधारक, पेंशनर दोगुने हो गए हैं और जमा राशि और सेटलमेंट भी दोगुने हो गए हैं, लेकिन इसकी तुलना में ईपीएफओ के कर्मचारी नहीं बढ़ाए गए।
सीबीटी के सदस्य मलेशम ने बताया कि श्रम मंत्री से सिर्फ हायर पेंशन पर आासन मिला है, कि इस पर समय सीमा में काम होगा।
पीएफ नहीं चुकाने वाले कारोबारियों का जुर्माना माफ !
कर्मचारियों का पीएफ नहीं जमा कराने वाले कारोबारियों पर नरमी दिखाते हुए सरकार एक माफी योजना लाई है। सीबीटी की बैठक में यह फैसला लिया गया है कि सरकार की इंडस्ट्री फ्रेंडली नीति के तहत ऐसे कारोबारियों पर पीएफ एक्ट के तहत कोई कार्रवाई नहीं होगी जिन्होंने अपने कर्मियों को ईपीएफओ का खाताधारक नहीं बनाया है।
ऐसे कारोबारी अब अपनी स्वेच्छा से ऐसे कर्मियों को आज की तारीख से ईपीएफओ का खाताधारक बना सकेंगे। इसके लिए कारोबारियों पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा।
हालांकि सीबीटी के एक सदस्य ने बताया, अगर सालों से नौकरी कर रहे कर्मियों को कारोबारी आज ईपीएफओ का खाताधारक बनाता है तो उन्हें पुराने ब्याज से वंचित होना पड़ सकता है।
माफी योजना की मांग कारोबारियों ने सरकार से की थी। उक्त योजना छह महीने लागू रहेगी।
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