भारतीय शेयर बाजार धराशायी, सेंसेक्स 638 अंक फिसला, निवेशकों के डूबे करीब 9 लाख करोड़ रुपये
भारतीय शेयर बाजार सोमवार के कारोबारी सत्र में नुकसान के साथ बंद हुए। बाजार में चौतरफा गिरावट देखी गई। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 638 अंक या 0.78 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,050 और निफ्टी 218 अंक या 0.87 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,795 पर बंद हुआ।
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बाजार में गिरावट के कारण बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का मार्केट कैप 9 लाख करोड़ रुपये कम होकर 452 लाख करोड़ रुपये रह गया। शुक्रवार के कारोबारी सत्र में यह 461 लाख करोड़ रुपये पर था।
लार्जकैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप में अधिक गिरावट देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1,174 अंक या 2.01 प्रतिशत गिरकर 57,300 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 515 अंक या 2.75 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,242 पर था। आईटी इंडेक्स को छोड़कर करीब सभी इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए हैं।
ऑटो, पीएसयू बैंक, फिन सर्विस, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल, रियल्टी, मीडिया, एनर्जी, इन्फ्रा, प्राइवेट बैंक और पीएसई में सबसे अधिक गिरावट हुई। सेंसेक्स पैक में आईटीसी, भारती एयरटेल, एमएंडएम, इन्फोसिस, बजाज फाइनेंस, टीसीएस और टेक महिंद्रा टॉप गेनर्स थे। एनटीपीसी, एसबीआई, पावर ग्रिड, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, टाइटन, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा स्टील, रिलायंस, जेएसडब्ल्यू स्टील, नेस्ले, एलएंडटी, एचयूएल और कोटक महिंद्रा बैंक टॉप लूजर्स थे।
बाजार के जानकारों का कहना है कि भारतीय शेयर बाजार कंसोलिडेशन फेस में चला गया है। यह एशिया के अन्य बाजारों की तुलना में अंडर-परफॉर्म कर रहा है। प्रीमियम वैल्यूएशन के कारण बाजार में गिरावट देखी जा रही है। चीन के बाजारों में आकर्षक वैल्यूएशन के कारण विदेशी निवेशक वहां जा रहे हैं और भारतीय बाजारों में लगातार बिकवाली कर रहे हैं। साथ ही कच्चे तेल की कीमत बढ़ने से भारतीय बाजारों पर दबाव बना हुआ है।
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