विज्ञापनदाताओं को डिजिटल माध्यम से तैयार की गई या बदली गई तस्वीर अथवा वीडियो के बारे में जानकारी देनी होगी : मेटा
‘डीपफेक’ फोटो व वीडियो पर लगाम कसने के लिए सोशल मीडिया क्षेत्र की दिग्गज कंपनी मेटा ने बुधवार को एक नए नियम का ऐलान किया।
मेटा फर्जी वीडियो |
इसके तहत उसके मंच का इस्तेमाल करने वाले विज्ञापनदाता को किसी सामाजिक मुद्दे, चुनाव या राजनीतिक इश्तेहार को लेकर डिजिटल माध्यम से तैयार की गई या बदली तस्वीर या वीडियो के बारे में जानकारी देनी होगी।
सोशल मीडिया कंपनी ने एक ब्लॉग में कहा कि डिजिटल माध्यम से परिवर्तित विज्ञापन को लेकर नया नियम नए साल से पूरी दुनिया में लागू होगा।
ब्लॉग में कहा गया है, “ हम लोगों को यह समझने में मदद करने के लिए एक नई नीति की घोषणा कर रहे हैं कि फेसबुक या इंस्टाग्राम पर कोई सामाजिक मुद्दा, चुनाव या राजनीतिक विज्ञापन डिजिटल रूप से बनाया या बदला गया है, जिसमें एआई (कृत्रिम बुद्धिमता) का उपयोग भी शामिल है।”
विज्ञापनदाता को यह जानकारी देनी होगी कि किसी वास्तविक व्यक्ति को ऐसा कुछ कहते या करते हुए चित्रित करने के लिए डिजिटल रूप से परिवर्तित छवि या वीडियो का इस्तेमाल किया गया जो उन्होंने नहीं कहा या किया था।
उन्हें यह भी जानकारी देनी होगी कि परिवर्तित तस्वीर या वीडियो में जो व्यक्ति दिखाई दे रहा है असल में वह वास्तविक व्यक्ति नहीं है या फिर कोई ऐसी घटना जो सच लग रही है, वह कभी हुई ही नहीं।
यह नियम डिजिटल माध्यम से बनाई गई ऐसी तस्वीरों और वीडियो पर भी लागू होगा जो सच में घटित हुई दर्शाई जाएंगी लेकिन बताया जाएगा कि यह घटना की सच्ची तस्वीर, वीडियो या ऑडियो रिकॉर्डिंग नहीं है।
अभिनेत्री रश्विमका मंदाना का एक ‘डीप फेक’ वीडियो सोशल मीडिया मंचों पर जारी होने के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मंगलवार को ऐसे प्लेटफॉर्म को परामर्श जारी किया था।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता या अन्य तकनीक से बनाये गये फर्जी वीडियो या तस्वीर को ‘डीप फेक’ कहा जाता है।
फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप की स्वामी कंपनी मेटा ने कहा कि वह विज्ञापन पर जानकारी तब शामिल करेगा जब कोई विज्ञापनदाता विज्ञापन में जानकारी देगा कि सामग्री डिजिटल रूप से बनाई गई है या बदली गई है।
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