बढ़ सकती है निवेश सीमा, आवास को रियायतें
मध्यम वर्ग को दी जाने वाली रियायतें आयकर छूट की सीमा बढ़ाने या कुछ खास बचत साधनों में निवेश की सीमा बढ़ाने के रूप में हो सकती हैं.
बढ़ सकती है निवेश सीमा, आवास को रियायतें |
अगले आम चुनाव से ठीक पहले आठ राज्यों में होने वाले चुनावों को देखते हुए आगामी एक फरवरी को पेश होने वाले बजट के लोकलुभावन होने के पूरे आसार हैं. बजट तैयार करने में जुटे वित्त मंत्री अरुण जेटली और मोदी सरकार को अपने प्रत्येक नीतिगत निर्णय के राजनीतिक नफे नुकसान का पूरा आकलन करना होगा. बजट को अक्सर राजनीतिक दस्तावेज की संज्ञा दी जाती है. यह विशेषण इस समय और भी सटीक दिखाई देता है, जबकि देश में 2019 के आम चुनावों से ऐन पहले कम से कम आठ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. ऐसे में इस बात पर कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि इस बार का बजट सुधारवादी कम और जनभावनाओं के अनुरूप ज्यादा हो.
वरिष्ठ नागरिकों को भी कुछ कर लाभ दिए जा सकते हैं, जिनकी तादाद देश में बढ़ रही है.
कारोबार के अनुकूल सुधार भी होंगे : सरकार ने प्रतिकूल सार्वजनिक प्रतिक्रिया होने का अंदेशा होने के बावजूद नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसे अर्थव्यवस्था में आमूल-चूल बदलाव लाने वाले उपाय करने का जोखिम उठाया है. ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार का बजट जहां जन भावनाओं के अनुरूप होगा वहीं इसमें कारोबार के अनुकूल सुधार शामिल होंगे.
वेतनभोगी वर्ग को आयकर में मिल सकती है राहत : लोकलुभावन कदमों के रूप में बजट वेतनभोगी वर्ग के लिए आयकर में राहत की कुछ सौगात ला सकता है. समय की मांग है कि मध्यम वर्ग के हाथ में और ज्यादा पैसा दिया जाए. इससे वस्तुओं और सेवाओं की खरीद बढ़ेगी, और अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी.
पेट्रो उत्पाद शुल्कों में हो सकती है कमी : यह बजट इसलिए भी अतीत के बजटों से काफी अलग होगा क्योंकि ज्यादातर अप्रत्यक्ष कर अब जीएसटी में शामिल किए जा चुके हैं. इनमें वृद्धि या कमी करने का फैसला केवल जीएसटी परिषद ही ले सकती है. इसलिए अप्रत्यक्ष करों में आमतौर पर होने वाले बदलाव अब संभव नहीं हैं. पेट्रोलियम उत्पाद अब तक इसके दायरे से बाहर हैं. जब दुनिया में तेल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है, ऐसे में राहत पहुंचाने के लिए पेट्रोलियम उत्पाद शुल्कों में कमी की जा सकती है.
आवास निर्माण क्षेत्र को दी जा सकती है रियायतें : आवास भी एक अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र है. निर्माण को बढ़ावा देने के लिए रियायतें दी जा सकती हैं.
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