जीएसटी की समीक्षा बैठक में सरकार ने सभी विभागों से कहा- ध्यान रहे बढ़ने न पाए महंगाई

Last Updated 04 Jul 2017 09:58:59 AM IST

कैबिनेट सचिव प्रदीप कुमार सिन्हा ने सोमवार को वित्त तथा अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन की स्थिति का जायजा लिया.


कैबिनेट सचिव प्रदीप कुमार सिन्हा (फाइल फोटो)

कैबिनेट सचिव ने सभी विभागों को उत्पादों, विशेषकर जरूरी उपभोक्ता उत्पादों, की उपलब्ध्ता सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया ताकि जीएसटी लागू होने के बाद जिन वस्तुओं पर कर की दर बढ़ी है उनकी कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी न हो. उन्होंने जोर देकर कहा कि कीमतें नियंत्रण में रहें यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए. सभी विभागों एवं मंत्रालयों से जीएसटी से जुड़ी जानकारी उनकी वेबसाइट पर उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है.

श्री सिन्हा ने विभागाधिकारियों से कहा कि खुदरा दुकानदारों तथा डीलरों को जीएसटी के बाद नई कीमत अपनी दुकानों पर दिखाएं ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए. सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि व्यापारी/कारोबारी जीएसटी के फायदे आम लोगों को दें. उन्होंने बिलिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने विभिन्न प्रकार की मशीनों में जल्द से जल्द जीएसटी के अनुरूप बदलाव करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि यह काम बिना किसी विलंब के निश्चित समय में पूरा किया जाना चाहिए. बैठक में यह तय किया गया कि जीएसटी के क्रियान्वयन पर नजदीकी नजर रखने के लिए समीक्षा बैठक हर सप्ताह की जाएगी.

22 राज्यों में चुंगी नाके खत्म, बचेगा 2300 करोड़ का डीजल
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद 22 राज्यों ने सीमाओं पर माल की आवाजाही के लिए लगाए गए अपने चुंगी नाके हटा लिए हैं. वित्त मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी.

उसने बताया कि 1 जुलाई को जीएसटी लागू किया गया था और आज 22 राज्यों ने अपने नाके समाप्त कर दिये हैं. जीएसटी व्यवस्था में जीएसटी के अलावा कोई कर नहीं होगा इसलिये चुंगी नाकों की जरूरत खत्म हो गई है.

इसमें राज्यों द्वारा लगाये जाने वाले चुंगी को भी समाप्त कर दिया है जो पहले एक राज्य से दूसरे राज्य की सीमा में माल के प्रवेश करते समय लगाया जाता था. इस प्रकार अब इन नाकों का कोई औचित्य नहीं रह गया है. गी नाके खत्म होने के बाद नाकों पर लगने वाले ट्रकों की कतारें खत्म होंगी जिससे 2300 करोड़ रुपए के डीजल की बचत होने की उम्मीद है. इसके

अलावा ट्रकों की लाइनें खत्म होने से प्रदूषण में भी कमी आने की उम्मीद है. इसके अलावा इन नाकों पर होने वाली हजारों करोड़ रुपए की अवैध वसूली पर भी लगाम लगेगी. इसके अलावा चुंगी नाके बंद होने से कंपनियों के लाजिस्टिक खर्च में भी भारी कमी आने की उम्मीद है. एक अनुमान के अनुसार इससे कंपनियों के लाजिस्टिक खर्च के 90 हजार करोड़ रुपए बचेंगे.
मंत्रालय ने बताया कि इसके अलावा असम, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, पंजाब, मिजोरम और त्रिपुरा भी नाके हटाने की प्रक्रिया में हैं.

 

सहारा न्यूज ब्यूरो/ वार्ता


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