राष्ट्रहित में है जीएसटी, जल्द दिखने लगेंगे फायदे ही फायदे: : कर विशेषज्ञ
वस्तु एवं सेवाओं पर नई कर व्यवस्था का समर्थन करते हुए कर विशेषज्ञों ने कहा कि जीएसटी देशहित हित में साबित होगा.
फाइल फोटो |
उन्होंने छोटे व्यापारियों से कहा है कि उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. नई व्यवस्था में छोटे कारोबारियों को काफी राहत दी गई है.
हालांकि उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू करने में शुरुआत में कुछ परेशानियां हो सकती हैं लेकिन बाद में इसके लाभ सामने आने लगेंगे. इस व्यवस्था से देश में जुगाड़बाजी पर अंकुश लगेगा और बिना हिसाब-किताब वाले लेनदेन कम होंगे जो कि देशहित में होगा. देश के प्रमुख वाणिज्य एवं उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के अप्रत्यक्ष कर समिति के चेयरमैन बिमल जैन ने छोटे व्यापारियों के सवाल पर कहा कि 20 लाख रुपए सालाना तक का कारोबार करने वाले व्यापारियों पर जीएसटी लागू होने का कोई असर नहीं होगा. वह जिस तरह अपना कारोबार करते आ रहे हैं वैसे ही कारोबार कर सकते हैं, घबराहट की कोई बात नहीं है.
जीएसटी को लेकर सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योग मंडल के महासचिव ज्योतिर्मय जैन ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए. उन्होंने कहा कि वास्तव में समस्या औपचारिक और अनौपचारिक को लेकर है. अब तक काफी काम अनौपचारिक तौर पर होता रहा है जबकि नई व्यवस्था में आपको यदि कर का क्रेडिट लेना है तो आपको औपचारिक तौर पर पक्का बिल बनाना होगा. नई व्यवस्था पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत होगी जिसमें पूरा रिकार्ड होगा और हेराफेरी की गुंजाइश नहीं रहेगी. उन्होंने भी कहा कि नई व्यवस्था देशहित में है.
छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत
देश में 20 लाख रुपए तक का कारोबार करने वाले व्यापारियों को जीएसटी में पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं है. वह जिस तरह से कारोबार कर रहे हैं उसी तरह करते रहें. उन्हें घबराने की जरूरत नहीं. नई पण्राली के तहत 20 लाख से लेकर 75 लाख रुपए तक का कारोबार करने वाले कारोबारियों को जीएसटी में पंजीकरण कराना होगा और वह जीएसटी भुगतान की एकमुश्त योजना का लाभ उठा सकते हैं.
इस योजना के तहत 20 से 75 लाख रुपए सालाना का कारोबार करने वाले व्यापारी एक फीसद एकमुश्त जीएसटी का भुगतान करके तमाम झंझट से बच सकते हैं जबिक विनिमार्ताओं को दो फीसद और रेस्त्रां तथा अन्य कारोबारी पांच फीसद का एकमुश्त जीएसटी भुगतान कर कंपोजीशन योजना का लाभ उठा सकते हैं. इसके तहत उन्हें अनुपालन दस्तावेज नहीं भरने होंगे और न ही वह इस भुगतान को ग्राहकों से वसूलने के पात्र होंगे. इस तरह छोटे कारोबारियों को इससे कतई आशंकित होने की जरूरत नहीं है.
| Tweet |