एयरटेल ने जियो पर बाजार खराब करने वाली कीमत नीति अपनाने का आरोप लगाया, तीन प्रमुख दूरसंचार कंपनियों ने अंतर-मंत्रालयी समूह से मुलाकात की
देश की निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी मोबाइल कंपनी भारती एयरटेल ने बाजार में नई उतरी रिलायंस जियो पर बाजार खराब करने वाली कीमत नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इंटरकनेक्शन शुल्क बढ़ाया जाए तथा कंपनियों को ग्राहकों को जोड़े रखने के लिये प्रोत्साहन योजना चलाने की छूट हो.
जियो पर बाजार खराब करने वाली कीमत नीति अपनाने का आरोप (फाइल फोटो) |
इंटरनकनेक्शन उपयोग शुल्क (आईयूसी) उन मोबाइल कंपनियों को मिलता है जहां कॉल खत्म होती है.
प्रतिद्वंद्वी जियो के खिलाफ एकजुट तीनों दूरसंचार कंपनियों (एयरटेल, वोडाफोन तथा आइडिया सेल्यूलर) ने कहा कि मौजूदा आईयूसी 14 पैसे प्रति मिनट है जो लागत से कम है और इसे ठीक किये जाने की जरूरत है. तीनों कंपनियों ने अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) के साथ अलग-अलग बैठक की.
आइडिया ने दलील दी कि आईयूसी को ठीक से निर्धारित किये जाने की जरूरत है ताकि बाजार खराब करने वाली वॉयस कीमत माहौल को ठीक किया जा सके.
उसने यह भी कहा कि जियो का मुफ्त पेशकश से उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है और वॉयस तथा डाटा दोनों के लिये न्यूनतम दर तय करने का सुझाव दिया ताकि बाजार कीमत खराब करने वाली कीमत व्यवस्था पर लगाम लगाया जा सके.
एयरटेल ने आरोप लगाया कि जियो ने बाजार खराब करने वाली कीमत नीति अपनायी है जिसका मकसद लागत से कम मूल्य पर सेवा देकर बाजार हिस्सेदारी हासिल करना है. इससे उद्योग की आय प्रभावित हुई है.
एयरटेल ने आईएमजी के समक्ष अपनी प्रस्तुति में कहा, लागत से कम कॉल कनेक्ट चार्ज के दुरूपयोग पर रोक लगाने के लिये आईयूसी को ठीक करने जरूरत है..
वहीं दूरसंचार कंपनी वोडाफोन ने कहा कि काल कनेक्ट चार्ज पहले ही लागत से कम है और इस अंतर परिचालक शुल्क में किसी तरह की ओर कटौती से ग्रामीण कवरेज प्रभावित होगी.
एयरटेल सहित मौजूदा दूरसंचार कंपनियों ने अंतर मंत्रालयी समूह के समक्ष अपनी प्रस्तुति में उद्योग समक्ष के मौजूदा मुद्दों को उठाया. बैठक के बाद आइडिया के एक आला अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा, सरकार के पास किसी भी नीति का विकल्प है लेकिन इसमें लागत होनी चाहिए. हर जगह नीतियों के मसौदों में कहा जाता है कि नेटवर्क की लागत की वसूली की छूट होनी चाहिए.
अधिकारी ने दूरसंचार उद्योग के समक्ष उच्च काराधान की समस्या को भी उठाया. वोडाफोन ने सुझाव दिया कि जीएसटी के कार्यान्वयन में लाइसेंस शुल्क को सम्मिलित किया जाए. एयरटेल के अधिकारी ने हालांकि कुछ टिप्पणी नहीं की.
सरकार ने दूरसंचार क्षेत्र के मुद्दों पर चर्चा के लिए इस समूह का गठन किया है.
एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया की प्रस्तुती के साथ दूरसंचार कंपनियों के साथ एक सप्ताह अलग-अलग चली बातचीत संपन्न हो गयी है.
पिछले सप्ताह आईएमजी ने रिलायंस जियो, रिलायंस कम्युनिकेशंस, टाटा टेलीसवर्सिेज तथा एयरसेल से मुलाकात की थी.
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