इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर

Last Updated 22 Feb 2025 12:57:00 PM IST

उप्र की योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आठ लाख करोड़ का सबसे बड़ा बजट पेश किया। इसकी खासियत इंफ्रास्ट्रक्चर, गरीब, युवा, किसान, महिलाएं, धार्मिक पर्यटन रहा।


इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने पर्यटन स्थलों के लिए 400 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए। अयोध्या व मथुरा के लिए क्रमश: 150-125 करोड़ रुपये तथा नैमीषारण्य के लिए सौ करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है। मलिन बस्तियों के विकास के लिए 400 करोड़ व अर्बन फ्लड स्टार्म वाटर ड्रेनेज योजना को हजार करोड़, स्मार्ट सिटी योजना को 450 करोड़, बेसहारा पशुओं के आश्रय के लिए 450 करोड़ रुपये का ऐलान किया।

देश के अन्य राज्यों की खुद के कर प्राप्तियों में उप्र का अंश 2024-25 में 11.6% रहा, जो महाराष्ट्र के बाद सर्वाधिक है। चूंकि जनवरी 24 से दिसम्बर 24 के दरम्यान राज्य में 65 करोड़ से ज्यादा पर्यटक आए। जिनमें विदेशी पर्यटकों की संख्या 14 लाख बताई जा रही है। इसी माह केवल महाकुंभ के दौरान प्रयागराज आने वालों की संख्या 54 करोड़ आंकी जा रही है। इस सबसे सरकार को होने प्राप्त वाले जीएसटी, राजस्व व अन्य करों का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

मंदिरों को चढने वाले चढ़ावे में राम मंदिर तीसरे स्थान पर आ चुका है। ऊर्जा, लिंक-एक्सप्रेस-वे, सड़कों व पुलों के निर्माण के लिए बजट में विशेष प्रावधान करने के पीछे सरकार की मंशा आम नागरिक को प्रभावित करने की भी है। हालांकि कृत्रिम मेधा व साइबर सुरक्षा को 5 व 3 करोड़ रुपये देने के ऐलान ने स्पष्ट किया कि सरकार कुछ मामलों में सिर्फ खानापूर्ति कर रही है। इन आठ सालों में सड़कों की स्थिति बेहतर हुई है, मगर सरकार के पास वाहनों के लगातार बढ़ते दबाव व सड़क दुर्घटनाओं को रोकने की कोई स्कीम नहीं है।

सड़कों, एक्सप्रेस-वे, पुलों व मेट्रो के निर्माण के चलते शहरों/महानगरों की व्यवस्था चरमरा जाती है। शिक्षा-व्यवस्था, छात्रों व बेरोजगारों के साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने के लिए सरकार को बेहतर कदम उठाने होंगे। हर सेक्टर को धन मुहैया कराने की आंकड़ेबाजी तो बस रवायत है। इसका असर निचले स्तर पर व्यावहारिक तौर पर नजर भी आना जरूरी है।



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