सस्ता होगा पेट्रोल और डीजल, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दिए संकेत

Last Updated 22 Feb 2025 03:35:29 PM IST

केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि अमेरिका सहित वैश्विक बाजार में तेल की अधिक आवक के कारण ईंधन की कीमतों में कमी आने की संभावना है, जिससे मुद्रास्फीति पर काबू पाने में मदद मिलेगी।


केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत में पेट्रोलियम की कीमतें दुनिया में सबसे कम हैं।  

आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में देश में ईंधन की कीमतें वास्तविक रूप से कम हुई हैं।

वैश्विक तेल आपूर्ति पर बोलते हुए पुरी ने कहा कि अब अधिक तेल अमेरिका, ब्राजील, गुयाना, सूरीनाम और कनाडा जैसे देशों से आ रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि कच्चे तेल की कोई कमी नहीं है और मौजूदा समय में 40 देशों से आपूर्ति भारत को मिल रही है। पहले इनकी संख्या 27 थी। अगर और देश इसमें जुड़ना चाहते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे। इससे तेल की कीमतों को कम रखने में मदद मिलेगी।

केंद्रीय मंत्री के कहा,"पेट्रोलियम की कीमतें बीते तीन वर्षों में कम हुई हैं।"

उन्होंने आगे कहा कि पेट्रोल की कीमतों में -0.67 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। हालांकि, डीजल की कीमतों में 1.15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

पुरी ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि पेट्रोलियम की कीमत में गिरावट से सरकार को कोई वित्तीय फायदा नहीं हुआ है। बल्कि सरकार ने तेल कंपनियों को 22,000 करोड़ रुपये की राहत दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में हुई आर्थिक प्रगति पर प्रकाश डालते हुए पुरी ने कहा कि 2014 में भारत 10 वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और साथ ही पांच सबसे कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में शामिल था। उस समय देश विकास के लिए विदेशी निवेश पर अधिक निर्भर था।

पुरी ने आगे कहा कि पीएम मोदी के कार्यकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था में काफी सुधार आया है और देश दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। जल्द ही भारत 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

फिच रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया कि चालू वित्त वर्ष में भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग तीन से चार प्रतिशत बढ़ सकती है।

रिपोर्ट में बताया गया कि भारतीय ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के रिफाइनरी मार्जिन वित्त वर्ष 25 में गिर सकते हैं। इसकी वजह अधिक आपूर्ति और कच्चे तेल में उतार-चढ़ाव के होने वाले फायदे का कम होना है।
 

भाषा
नई दिल्ली


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