ईरान पर इजरायली हवाई हमला, भयावह संकेत

Last Updated 28 Oct 2024 12:57:12 PM IST

इजरायल ने शनिवार सुबह ईरान पर हवाई हमले किए और कहा कि महीने के शुरू में दागे गए बैलिस्टिक मिसाइलों के जवाब में उसने ईरान के सैन्य स्थलों को निशाना बनाया।


ईरान पर इजरायली हमला, भयावह संकेत

घंटों चले हमले इतने जबरदस्त थे कि विस्फोटों की आवाज ईरान की राजधानी तेहरान तक सुनी गई। हालांकि इस्लामी गणराज्य ने जोर देकर कहा है कि हमले से उसे कोई ज्यादा नुकसान नहीं हुआ और इनका असर ‘सीमित क्षति’ होने जैसा रहा।

पूर्ण युद्ध का खतरा

इजरायल के ईरान पर ताजा हमले से पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ गया है, और ऐसे समय में पूर्ण युद्ध का खतरा पैदा हो गया है जब पश्चिम एशिया में ईरान समर्थित चरमपंथी समूह-गाजा में हमास और लेबनान में हिजबुल्ला-पहले से ही इजरायल के साथ युद्धरत हैं।

भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत पश्चिम एशिया में बढ़ती हिंसा और शांति व स्थिरता पर इसके असर को लेकर बहुत चिंतित है। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हम सभी संबंधित पक्षों से संयम बरतने और वार्ता व कूटनीति के मार्ग पर लौटने का आह्वान करते हैं।

चल रही शत्रुता किसी के लिए भी लाभकारी नहीं है, जबकि निर्दोष बंधकों और नागरिकों को लगातार कष्ट उठाने पड़ रहे हैं।’ पहली बार है जब इजरायल की सेना ने खुलेआम ईरान पर हमले किए। 1980 के दशक में इराक के साथ युद्ध के बाद से किसी शत्रु देश ने ईरान पर इस प्रकार लगातार हवाई हमले किए हैं।

अमेरिका की ईरान को चेतावनी

पूर्ण युद्ध का खतरा इस कदर है कि अमेरिका ने ‘हिसाब बराबर’ कह कर दोनों शत्रु देशों के बीच प्रत्यक्ष सैन्य हमले बंद करने की बात कही है, लेकिन अपने इस बयान के साथ ही यह चेतावनी भी चस्पा कर दी है कि ईरान को अब इजरायल पर जवाबी हमले करने का अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। ऐसे उकसावे भरे बयानों से निश्चित ही हालात को सामान्य बनाने के प्रयासों को धक्का लगेगा। युद्ध के असर सर्वविदित हैं, और लंबा खिंच जाए तो असर भी दीर्घकालिक होते हैं।

विश्व व्यवस्था पर अमन-शांति में खलल और अस्थिरता का साया मंडराने लगता है। कई देशों, बल्कि विश्व भर की अर्थव्यवस्थाएं झटका खाने लगती हैं। ऐसी तस्वीरें आने लगी हैं जिनमें युद्ध प्रभावित इलाकों में लोग भोजन की लाइनों में लगे हैं। तस्वीरें विचलित करने वाली हैं।

अमेरिका का डबल गेम

इजरायल की हठ को अमेरिका ने पाला-पोसा है, और वह युद्ध बंद होने की बात कहने के साथ ही ईरान को आशंकित हमले के प्रति जिस तरह मुस्तैद कर रहा है, उससे डबल गेम खेलता दिख रहा है। संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्था की विसनीयता तो युद्ध ने खत्म ही कर दी है।



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