जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला सर्वसम्मत नेता
जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नवनिर्वाचित विधायकों ने सर्वसम्मति से पार्टी के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को अपना नेता चुन लिया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस-माकपा के पास 49 सीटें हैं।
![]() जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला सर्वसम्मत नेता |
विधानसभा चुनाव में जीत कर आए निर्दलीय विधायकों में से चार ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को समर्थन देने की घोषणा की है। इस तरह उमर अब्दुल्ला के साथ 53 विधायकों का समर्थन है। हालांकि अभी उमर को कांग्रेस के समर्थन पत्र का इंतजार है। अगर किसी कारण उन्हें कांग्रेस का समर्थन नहीं मिलता है तो भी नेशनल कॉन्फ्रेंसकी सीटों की संख्या बहुमत के जादुई आंकड़े यानी 46 तक पहुंच गई है।
पिछले चुनावों की तरह इस चुनाव में भी कश्मीर की जनता ने जिस उत्साह के साथ भागीदारी की, इससे यही प्रकट होता है कि देश के शेष हिस्सों की तरह यहां के लोग भी लोकतांत्रिक शासन पद्धति में ही अपना भविष्य सुरक्षित देखते हैं। अब यह सुनिश्चित हो गया है कि उमर अब्दुल्ला राज्य के मुख्यमंत्री होने जा रहे हैं और आने वाले दिनों में उन्हें मतदाताओं से किए गए अपने वादों को पूरा करना है।
अगर युवा मतदाताओं से रोजगार से संबंधित वादे पूरे नहीं हुए तो लोकतांत्रिक राजनीति के लिए निराशा पैदा होगी। उमर अब्दुल्ला इस तथ्य से परिचित हैं कि नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को कमजोर बहुमत मिला है, इसलिए वे केंद्र सरकार से समन्वय बना कर चलने की कोशिश करेंगे। जाहिर है कि इन हालात में उनकी सरकार कश्मीर के विशेष संवैधानिक प्रावधानों को बहाल करने का मुद्दा नहीं उठाएगी।
चुनावों में उन्होंने अनुच्छेद 370 यानी राज्य के विशेष संवैधानिक प्रावधानों को बहाल करने का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था। आने वाले दिनों में मतदाताओं से किया गया उनका यह वादा उनके लिए कठिनाई पैदा कर सकता है। उनकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस इस मुद्दे पर शुरू से ही खामोश है। यह जरूर है कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के मामले में उमर अब्दुल्ला को कांग्रेस का समर्थन मिलेगा। राज्य की जनता ने पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का स्पष्ट जनादेश दिया है।
भाजपा सहित सभी राजनीतिक दल इसके पक्ष में हैं। केंद्र सरकार को राज्य की जनता के जनादेश का सम्मान करना चाहिए। उम्मीद की जानी चाहिए कि जम्मू-कश्मीर की जनता को एक साथ दो तोहफे मिलेंगे-नई लोकप्रिय सरकार और पूर्ण राज्य। वास्तव में राज्य का दर्जा और लोकप्रिय सरकार कश्मीर में लोकतंत्र को फिर से सक्रिय करने में मदद करेंगे।
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