क्वाड की चीन को घुड़की
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा, क्वाड (QUAD) (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) किसी के खिलाफ नहीं है। बल्कि नियमों पर आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था व संप्रभुता के सम्मान के पक्ष में है।
चीन को घुड़की |
यह अमेरिका, आस्ट्रेलिया, जापान के साथ भारत को मिलाकर बनाया गया संगठन है। मोदी ने अपने संबोधन में कहा, स्वतंत्र, खुला, समावेशी व समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी प्राथमिकता है। किसी देश का नाम लिये बगैर उन्होंने जोड़ा, हम किसी के खिलाफ नहीं हैं।
नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता का सम्मान, क्षेत्रीय अखंडता व सभी मुद्दों का शांतिपूर्ण तरीके से हम समाधान करने के समर्थन में हैं। प्रधानमंत्री का इशारा परोक्ष रूप से चीन की तरफ था। चूंकि क्वाड सदस्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में खुले व्यापार के समर्थक हैं। जिसका सकारात्मक व स्थाई प्रभाव दिख रहा है। लंबे समय से चीन ‘स्ट्रिंग ऑफ पल्र्स नीति’ के तहत चीन-हिंद महासागर क्षेत्र में बंदरगाहों व सैन्य ठिकानों को विकसित कर रहा है।
इसके चार प्रमुख समुद्री लोकतांत्रिक देशों के तौर पर यह संगठन शांति व स्थिरता बनाए रखने का कार्य कर रहा है। जो वैश्विक सुरक्षा व समृद्धि के लिए अनिवार्य माना जा रहा है। स्पष्ट रूप से चीन लगातार हमारे करीबी पड़ोसियों म्यामांर, बांग्लादेश, थाईलैंड, नेपाल, मालदीव जैसे मुल्कों में वर्चस्व बढ़ा कर भारत को घेरने के प्रयास कर रहा है। हालांकि चीन के साथ सीमा विवाद में देश को अमेरिका व जापान का समर्थन प्राप्त है।
साथ ही जापान लगातार भारत को बुनियादी ढांचे के विकास के लिए वित्तीय मदद भी कर रहा है। जो चीन का मुकाबला करने में खास मददगार साबित हो रहा है। स्वास्थ्य सेवा, प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन, क्षमता निर्माण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में क्वाड के काम का लाभ देश को परोक्ष व प्रत्यक्ष तौर पर निरंतर प्राप्त हो रहा है।
मोदी द्वारा बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर प्रमुखता से जिक्र करना तथा विचारों का आदान-प्रदान असरकारी हो सकता है। बहुपक्षीय व द्विपक्षीय स्तरों पर वैश्विक तरक्की, शांति व सुरक्षा को लेकर भारत की प्रतिबद्धता व विचारों का सीधा असर दुनिया के समक्ष शीघ्र ही स्पष्ट होता जाएगा।
जो अस्थिरताकारी व एकतरफा कार्रवाई का विरोध कर सकेगा व यथास्थिति को बदलने की सकारात्मक प्रयास होते नजर आ सकेंगे।
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