यूरोप की शीर्ष पांच सैन्य शक्तियों ने यूक्रेन के समर्थन में आवाज बुलंद की है। फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, इटली और पोलैंड के रक्षा मंत्रियों ने पेरिस में मुलाकात की और यूक्रेनी सेना के प्रति समर्थन जताया।

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समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार बैठक के बाद प्रकाशित संयुक्त घोषणापत्र में मंत्रियों ने यूक्रेन में शांति के लिए मजबूत यूरोपीय समर्थन पर सहमति जताई। इसमें यूक्रेन के साथ रक्षा औद्योगिक सहयोग परियोजनाओं में तेजी लाना भी शामिल है।
फ्रांसीसी रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यूक्रेनी सेना की रक्षा क्षमता कीव के लिए 'पहली सुरक्षा गारंटी में से एक' होगी।
उनके अनुसार "दीर्घकालिक सुरक्षा की सच्ची गारंटी वह क्षमताएं होगी जो हम यूक्रेनी सेना को प्रदान कर सकते हैं।"
इतालवी रक्षा मंत्री गुइडो क्रोसेटो ने कहा कि यूक्रेन का कोई भविष्य नहीं होगा, 'जब तक कि वह अपनी रक्षा करने में सक्षम न हो।'
यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब यूक्रेन ने वाशिंगटन के 30 दिवसीय युद्ध विराम समझौते पर सहमति जता दी है।
मंगलवार को सऊदी अरब के जेद्दा में यूक्रेनी और अमेरिकी अधिकारियों के साथ आठ घंटे से अधिक समय तक चली बातचीत के बाद कीव ने युद्ध विराम प्रस्ताव को स्वीकारने की घोषणा की।
यूरोपीय भागीदारी के बिना आयोजित वार्ता के परिणामस्वरूप यह बयान आया कि यूक्रेन को नए सिरे से अमेरिकी सुरक्षा सहायता मिलेगी और अमेरिका को यूक्रेन के खनिज संसाधनों तक पहुंच के लिए प्रारंभिक मंजूरी मिल गई है।
वार्ता से बाहर रखे जाने के बावजूद, यूरोपीय नेताओं ने महाद्वीप की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के प्रयासों को जारी रखते हुए अमेरिका और यूक्रेन के बीच हुई प्रगति का स्वागत किया।
इस बीच यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने अपने वीडियो संबोधन में कहा कि अमेरिका ने पूर्ण अंतरिम युद्ध विराम प्रस्ताव रखा है, जिसमें न केवल काला सागर में बल्कि पूरे फ्रंट लाइन पर मिसाइल, ड्रोन और बम हमलों को रोका जाएगा।
जेलेंस्की ने कहा, "यूक्रेन इस प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए तैयार है - हम इसे एक सकारात्मक कदम के रूप में देखते हैं और इसे अपनाने के लिए तैयार हैं।"
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