गाजा पर पलटे डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिकी राष्ट्रपति ने अब कही यह बात

Last Updated 13 Mar 2025 12:18:26 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने गाजा प्लान को लेकर भारी आलोचना का सामना कर रहे हैं। हालांकि बुधवार को वह अपने पुराने रुख से पलटते नजर आए जब उन्होंने कहा, "कोई भी किसी को गाजा से बाहर नहीं निकाल रहा।"


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को व्हाइट हाउस में आयरिश प्रधानमंत्री माइकल मार्टिन के साथ अपनी बैठक से पहले कहा कि गाजा से किसी को भी 'निष्कासित' नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, "कोई भी किसी को गाजा से नहीं निकाल रहा है।"

ट्रंप ने गाजा पट्टी को खाली करने और इसे अमेरिकी नियंत्रण में लेकर विकसित करने की योजना पेश की थी हालांकि उनके प्लान की व्यापक आलोचना हुई लेकिन इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने इसका समर्थन किया।

अमेरिका का बदला रुख दरअसल बुधवार को कतर में हुई एक अहम बैठक के बाद दिखा। इस मीटिंग में अरब विदेश मंत्रियों अमेरिका के मध्य पूर्व दूत स्टीव विटकॉफ के साथ गाजा के पुनर्निर्माण पर चर्चा की।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कतर के विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, बैठक में कतर, जॉर्डन, मिस्र, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री और फिलिस्तीन मुक्ति संगठन के महासचिव उपस्थित थे।

मंत्रालय ने कहा, "अरब विदेश मंत्रियों ने गाजा पुनर्निर्माण योजना पर चर्चा की, जिसे 4 मार्च, 2025 को काहिरा में आयोजित अरब लीग शिखर सम्मेलन में मंजूरी दी गई थी।" इसमें कहा गया, "उन्होंने इस क्षेत्र में पुनर्निर्माण प्रयासों के आधार के रूप में इस योजना पर परामर्श और समन्वय जारी रखने के लिए अमेरिकी दूत के साथ सहमति व्यक्त की।"

शनिवार को, 57 सदस्यीय इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) ने सऊदी अरब में एक आपातकालीन बैठक में अरब लीग की प्रस्तावित गाजा योजना को औपचारिक रूप से अपनाया था। मिस्र की ओर से शुरू की गई यह पहल ट्रंप के गाजा प्लान के जवाब में फिलिस्तीनी प्राधिकरण के भावी प्रशासन के तहत गाजा पट्टी के पुनर्निर्माण का समर्थन करती है।

मंगलवार को कतर में गाजा में युद्ध विराम पर वार्ता का एक नया दौर भी शुरू हुआ, जिसमें मध्यस्थता के लिए विटकॉफ को दोहा भेजा गया।

कतर के विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया, "अरब मंत्रियों ने गाजा और कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों में युद्ध विराम बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया, दो-राज्य समाधान के आधार पर न्यायपूर्ण और व्यापक शांति प्राप्त करने के लिए वास्तविक प्रयासों की जरुरत पर बल दिया, जिससे फिलिस्तीनी लोगों की स्वतंत्रता और आजादी की आकांक्षाओं की पूर्ति सुनिश्चित हो सके।"

इससे पहले रविवार को, हमास नेतृत्व के राजनीतिक सलाहकार ताहिर अल-नोनो ने कतर की राजधानी में वाशिंगटन के साथ अभूतपूर्व, सीधी बातचीत की पुष्टि की। बातचीत गाजा में सशस्त्र समूह द्वारा पकड़े गए एक अमेरिकी-इजरायली नागरिक की रिहाई पर केंद्रित थी।

अल-नोनो ने कहा कि हमास नेताओं और अमेरिका के बंधक वार्ताकार एडम बोहलर के बीच हुई बैठकों में इस बात पर भी चर्चा हुई कि गाजा पर युद्ध समाप्त करने के उद्देश्य से हमास और इजरायल के बीच चरणबद्ध युद्धविराम समझौते को कैसे लागू किया जाए।

बोहलर और हमास के बीच सीधी चर्चा ने वाशिंगटन की दशकों पुरानी नीति को तोड़ दिया, जिसके तहत अमेरिका उन समूहों के साथ बातचीत नहीं करता जिन्हें वह 'आतंकवादी संगठन' कहता है।

हमास के प्रतिनिधिमंडल ने भी पिछले दो दिनों में मिस्र के मध्यस्थों से मुलाकात की और इजरायल के साथ युद्ध विराम के अगले चरण पर बातचीत करने के लिए अपनी तत्परता की पुष्टि की, जबकि इजरायल ने युद्ध विराम वार्ता के लिए सोमवार को दोहा में वार्ताकारों को भेजा।

गाजा युद्ध विराम समझौते का 42-दिवसीय पहला चरण इस महीने की शुरुआत में खत्म हो गया। इजरायल ने घोषणा की कि वह संघर्ष विराम के पहले चरण को रमजान और पासओवर [यहूदी त्योहार] या 20 अप्रैल तक बढ़ाने के प्रस्ताव का समर्थन करता है। उसने कहा कि यह प्रस्ताव ट्रंप प्रशासन के मध्यपूर्व दूत स्टीव विटकॉफ की ओर से आया है।

इजरायल ने न सिर्फ अमेरिकी प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है बल्कि गाजा में सभी वस्तुओं की सप्लाई रोकने का भी फैसला किया।

हमास ने अस्थायी युद्ध विराम के अमेरिकी प्रस्ताव को स्वाकारने के लिए इजरायल की आलोचना की। फिलिस्तीनी ग्रुप के मुताबिक यहूदी राष्ट्र का यह कदम गाजा युद्ध विराम समझौते के दूसरे चरण के लिए वार्ता को टालने की कोशिश है।

आईएएनएस
गाजा


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