भाजपा-एसकेएम की सरकार
भारतीय जनता पार्टी ने पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश में 46 सीटें जीत कर बहुमत हासिल कर लिया।
भाजपा-एसकेएम की सरकार |
राज्य में 60 में से 50 विधानसभा सीटों के लिए लोक सभा चुनाव के साथ मतदान हुआ था। भाजपा ने बाकी की दस सीटों पर पहले ही निर्विरोध जीत हासिल कर ली थी। राज्य में भाजपा के लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कार्यकर्ताओं की सराहना की। वहीं सिक्किम में 32 सदस्यीय विधानसभा में 31 सीटों पर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) ने 31 सीटों पर जीत हासिल की। लगातार दूसरी बार जीतने वाले दल को इस दफा प्रचंड बहुमत मिला है।
2019 तक लगातार 25 साल शासन करने वाली सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) को केवल एक सीट मिली। पूर्व मुख्यमंत्री पवन चामलिंग की पार्टी प्रेम सिंह तमांग उर्फ गोले के आगे बुरी तरह धराशायी हो गई। वहां भाजपा और कांग्रेस जैसे बड़े दलों का खाता भी नहीं खुला। अरुणाचल में कांग्रेस को एक सीट मिली। अरुणाचल भाजपा ने मुख्यमंत्री पेमा खांडू के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा था। उन्होंने इसे ऐतिहासिक दिन कहा और भाजपा के रिकॉर्ड बनाने पर प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया।
खांडू ने इसे एंटी इनकंबेंसी की बाजाए प्रो-इनकंबेंसी करार दिया। वह पहले कांग्रेस में थे मगर 2016 में मुख्यमंत्री बनते ही कांग्रेस छोड़कर पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल प्रदेश में शामिल हो गए। मगर दो महीने बाद ही खांडू भाजपा के साथ आ गए। पिछले चुनाव में राज्य में दूसरे बड़े दल के तौर पर जनता दल (यूनाइटेड) (जेडी यू) उभरी थी इसलिए माना जा रहा था कि वह खांडू को कड़ी टक्कर देगी।
क्योंकि ग्राम पंचायत व जिला परिषद में उसे बेहतर समर्थन प्राप्त था, परंतु विपक्ष के गठबंधन इंडिया में सीटों को लेकर लंबे समय तक सहमति नहीं बन पाई। जिसका लाभ भाजपा को ले गई लगती है। सिक्किम की जीत के नायक तमांग शिक्षक की नौकरी छोड़ कर राजनीति में आए थे। 2013 में अपना नया दल बना कर पहली बार 2014 का चुनाव लड़ा, जिसमें दस सीटें लेकर नेता प्रतिपक्ष बन गए।
2016 में भ्रष्टाचार के मामले में जेल व विधायक होने से अयोग्य ठहराए जाने के बावजूद 2019 में 17 सीटें जीत कर 24 साल पुरानी चामलिंग सरकार को जड़ से उखाड़ दिया। हालांकि वे भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा हैं इसलिए लोक सभा कर मात्र एक सीट को लेकर सब निश्चिंत ही नजर आ रहे हैं।
Tweet |