जीत पक्की कर रहा आंदोलन
झल्लन बोला, ‘ददाजू, अब चीजें हमें बिल्कुल रास नहीं आ रही हैं, हमारी बर्दाश्त के बाहर जा रही हैं।’ हमने कहा, ‘इसमें कौन सी नयी बात है।
जीत पक्की कर रहा आंदोलन |
हर सुबह कोई न कोई चीज तेरी बर्दाश्त से बाहर जाती है और शाम होते न होते वापस अपने ठीये पर लौट आती है। वैसे अब कौन सी चीज तेरी बर्दाश्त से बाहर जा रही है, जो तुझे खिजा रही है?’ वह बोला, ‘अरे वही, हमारे किसान जो लगातार धरना दिये जा रहे हैं, जो उनसे करते बन रहा है वह किये जा रहे हैं, पर हमारी सरकार में बैठे लोग हैं जो किसानों की हर बात को हल्के में लिये जा रहे हैं, या तो उन्हें वादों की घुट्टी पिला रहे हैं या उन्हें गच्चे पर गच्चे दिये जा रहे हैं। अब तो हमारे इंडिया यानी बकौल मोदी घमंडिया गठबंधन ने भी अपना दिमाग झाड़ दिया है और किसानों के समर्थन में खूंटा गाड़ दिया है और हमारे भारत जोड़क यात्री नेता ने तो पूरे हिंदुस्तान को बता दिया है कि अगर वो खुदा ना खास्ता सत्ता में आ जाएगा तो सबसे पहला काम जो करेगा वो यही होगा कि किसानों की हर बात मानेगा और तुरंत एमएसपी कानून लागू करवाएगा। अब इस बात से तो हमारे मोदी जी को तुरंत डरना चाहिए और किसानों की मांगों को गंभीरता से लेकर तत्काल कुछ न कुछ करना चाहिए।’
हमने कहा, ‘ये तो सबसे बढ़िया बात है कि इंडी गठबंधन का नेता बनकर बच्चा सत्ता में आ जाएगा तो पंजाब के किसानों की हर बात मानकर उनके मनमुताबिक एमएसपी कानून लागू करवाएगा। तो अब किसानों को कुछ ही दिनों में जाने वाली सरकार के दरवाजे पर काहे हल्ला मचाना चाहिए, काहे उसे रोज-रोज दिल्ली कूच का डर दिखाना चाहिए और काहे फालतू में बातचीत के एक राउंड के बाद दूसरा राउंड चलाना चाहिए। इन किसानों को इंडी गठबंधन के साथ जुट जाना चाहिए, इंडी गठबंधन के एक-एक नेता को अपने साथ ले आना चाहिए और पूरे देशभर में इस गठबंधन के उम्मीदवारों को जिताने के काम में जुट जाना चाहिए और बहुमत से जिताकर अपनी सरकार बनाने का रास्ता साफ करा लेना चाहिए और फिर अपनी मर्जी से जैसा चाहो वैसा कानून बनवा लेना चाहिए। इसलिए हमारी तो सलाह होगी कि पंजाब के आंदोलनिया किसान बबुआ की जोड़ो यात्रा से जुड़ जायें और जहां-जहां जायें वहां-वहां के किसानों को अपने साथ जोड़ते जायें और पूरे देश में ऐसी किसानी आंधी उठाएं कि मौजूदा सरकार के पांव उखड़ जायें, अपनी खुद की सरकार लायें, अपनी मनमर्जी के कानून बनाएं जिससे चारों तरफ किसानों की खुशहाली के नये रास्ते खुल जायें। और वैसे भी तेरा वो किसान नेता, क्या नाम है उसका अंधेर या पंधेर, जो कह रहा है कि देश के अस्सी प्रतिशत लोग किसानी से खाते-कमाते हैं, सो जाहिर है कि अगर इतने लोग चुनाव में साथ आ जाएंगे तो किसानों को अपनी सरकार बनाने से खुद भगवान भी नहीं रोक पाएंगे।’
झल्लन बोला, ‘आपके मुंह में घी शक्कर ददाजू, अब आप मुद्दे पर सही आ रहे हो और जो सूझा रहे हो सही सूझा रहे हो। हम भी यही चाहते हैं हरियाणा-दिल्ली के बार्डर पर वक्त जाया कर रहे किसान भाइयों को हर बार्डर तोड़ सारे देश में पसर जाना चाहिए और सारे देश के किसानों को अपने साथ ले आना चाहिए और पूरे देश में किसानों के मुद्दे पर ही चुनाव लड़ना चाहिए। हमारी तो सलाह होगी कि इंडी गठबंधन के जितने भी बचे-खुचे सिपहसालार हैं सबको बाकी सारे कामधाम छोड़ किसान और एमएसपी को चुनाव का मुद्दा बनाना चाहिए मतलब इसी मुद्दे पर अगला चुनाव लड़ा जाना चाहिए और हमारे राहुल बबुआ की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का नाम भी ‘एमएसपी किसान यात्रा’ हो जाना चाहिए। जब देश के चालीस करोड़ किसान और किसानी से जुड़े लोग एकजुट होकर चुनाव के मैदान में उतर आएंगे तो न तो मौजूदा सरकार बचेगी न सरकार चलाने वाले बच पाएंगे।’
हमें हंसी आयी, ‘क्या बात है रे झल्लन, तूने तो हमारे मजाक को भी सीरियसली ले लिया और उस पर अपना प्रवचन भी दे दिया। अबे बेवकूफ, पंजाब के इन सिख किसानों का कोई भी नेता देश के किसी भी हिस्से में जाएगा तो समर्थन के नाम पर एक व्यक्ति इनके साथ नहीं आएगा। इस आंदोलन के बीच में से उग्रवादी, अलगाववादी, संप्रदायवादी आदि तत्वों की जैसी पुष्ट-अपुष्ट खबरें आ रही हैं, आंदोलनकारियों के जैसे-जैसे वीडियो सामने आ रहे हैं, वे डरा रहे हैं, इस आंदोलन की विसनीयता को पलीता लगा रहे हैं। एक बात पक्की तौर पर दिखाई दे रही है कि देश के ज्यादातर मतदाता इस आंदोलन से चिढ़ रहे हैं और इस बात को इंडी गठबंधन के सभी नेता भी अच्छी तरह से समझ रहे हैं इसीलिए न वे इन किसानों को अपने चुनाव का मुख्य मुद्दा बना रहे हैं और न इनके आंदोलन से जुड़ रहे हैं। तू हमारी बात लिख ले जैसे-जैसे यह जिद्दी आंदोलन चलता जाएगा वैसे-वैसे मोदी की जीत को पक्का करता जाएगा। अगर मोदी गुट चार सौ पार करेगा तो इसमें श्रेय इस कथित किसान आंदोलन का भी रहेगा।’
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