अंतरात्मा से क्रॉस वोटिंग

Last Updated 29 Feb 2024 12:58:15 PM IST

उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में राज्य सभा की पंद्रह सीटों के लिए मंगलवार को हुए चुनाव में जमकर क्रॉस वोटिंग हुई।


अंतरात्मा से क्रॉस वोटिंग

अपनी पार्टी से हटकर क्रॉस वोट करने वालों ने अपने कृत्य को ‘आत्मा की आवाज’ पर किया गया काम करार दिया। उत्तर प्रदेश की दस राज्य सभा सीटों के साथ ही कर्नाटक की चार सीटों और हिमाचल प्रदेश की एक सीट के लिए मतदान हुआ। हिमाचल प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस के छह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग करके अपनी ही पार्टी उम्मीदवार के हारने का इंतजाम कर दिया।

चूंकि हिमाचल प्रदेश विधानसभा की कुल 68 सीटों में से कांग्रेस के पास 40, भाजपा के पास 25 और तीन निर्दलीय विधायक हैं। छह कांग्रेस विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है, और कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी और भाजपा के हर्ष महाजन के बीच हार-जीत का फैसला मुकाबला 34-34 से बराबर रहने के बाद ड्रा के जरिए किया गया और चुनाव परिणाम से पता चलता है कि भाजपा को अपने विधायकों के साथ 9 और विधायकों का समर्थन मिला है।

इसलिए सरकार के सामने अस्थिरता का खतरा पैदा हो गया है। पार्टी हाई कमान को पर्यवेक्षक भेजकर अपनी सरकार बचाने के इंतजाम करने पड़ रहे हैं। यूपी में भी प्रमुख विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी को इसके सात विधायकों ने कड़ा झटका देते हुए आत्मा की आवाज पर भाजपा के पक्ष में क्रॉस वोट किया। इसी प्रकार कर्नाटक में भी क्रॉस वोटिंग हुई। वहां भाजपा को झटका लगा जब भाजपा के विधायक एसटी सोमशेखर ने कांग्रेस के अजय माकन के पक्ष में वोट किया और विधायक शिवराम हेब्बार अनुपस्थित रहे।

दोनों विधायकों के आचरण के कारण भाजपा को जीती-जिताई सीट गंवानी पड़ी। तीन राज्यों में राज्य सभा चुनाव में जिस तरह क्रॉस वोटिंग हुई है, उससे राजनीति का वीभत्स चेहरा देखने को मिला है, और यह यकीन और भी पुख्ता हुआ है कि राजनीति में निष्ठा और मूल्य-सिद्धांत वाकई अपनी जगह से हट चुके हैं।

अवसरवादिता और निजी स्वार्थ पूर्ति को बड़ी बेहयाई से ‘आत्मा की आवाज’ का नाम दिया जाने लगा है। वैसे क्रॉस वोटिंग कोई आज का घटनाक्रम नहीं है, बल्कि बरसों से ऐसा होता रहा है। लेकिन जिस तरह इतने बड़े पैमाने पर ऐन आम चुनाव से पूर्व संसद के उच्च सदन के लिए चुनाव में इस प्रकार का आचरण देखने को मिला है, वह हैरत में डालने वाला है। हालांकि यह सदन में फ्लोर मैनेजमेंट का मसला भी है, जिसके चलते इस प्रकार की घटनाक्रम का सहूलियत से अंजाम दिया जाता रहा है।



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