परिवार निदान है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गायत्री परिवार की तरफ से आयोजित ‘अमेध यज्ञ’ के अवसर पर अपने संबोधन में देश के युवाओं में नशे के बढ़ते व्यसन को लेकर चिंता जाहिर कर रहे थे।
परिवार निदान है |
देश के शासन-परिवार का मुखिया होने के नेता उनकी यह चिंता वाजिब है। नशे की लत एक ऐसा मुद्दा है, जो देश के सामाजिक ताने-बाने पर प्रतिकूल असर डालता है।
किसी भी पदार्थ पर निर्भरता न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि उनके परिवारों और पूरे समाज को भी प्रभावित करती है। विभिन्न साइको-एक्टिव पदाथरे के नियमित सेवन से व्यक्तिइन पर निर्भर हो जाता है। आज देश के सामने यह एक गंभीर पारिवारिक-सामाजिक समस्या बन गया है।
इसका छोर आर्थिक और राष्ट्रीय भी है। यह समस्या इतनी विकराल हो गई है कि इसकी चपेट में देश की 20 फीसद आबादी आ गई है। इसके और बढ़ते जाने की ही आशंका है। नशे की लत की वजह से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। प्रतिवर्ष हजारों लोग इस वजह से अपनी जान गंवा बैठते हैं। देश को नशा से मुक्त करने की सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर सतत पहल की जा रही है।
केंद्र सरकार का अधिकारिता और सामाजिक कल्याण मंत्रालय अपनी ओर से सरजमीन से लेकर उच्च स्तर पर हरसंभव प्रयास कर रहा है। इसमें उपचार से लेकर उस व्यक्ति के पुनर्वासन तक की व्यवस्था है। वहीं गैर सरकारी स्तर पर स्वैच्छिक संस्थानों की तरफ से भी पहल की जाती रही है। गायत्री परिवार की ओर से इस गंभीर सामाजिक समस्या से निबटने के लिए देश भर के केंद्रों में जागरूकता और बचाव के निरंतर प्रयास किए जाते हैं।
इसी दिशा में सामाजिक अधिकारिता मंत्रालय के साथ गत वर्ष सितम्बर में एक समझौते पर दस्तखत भी किए गए थे। इन सब प्रयासों के बावजूद इस दिशा में किसी भी निरोधक पहल के पहले परिवार नामक संस्था की तरफ ही ध्यान जाता है।
प्रधानमंत्री ने अपने वीडियो कान्फ्रेंसिंग भी इसी का जिक्र किया है। परिवार ही वह पहला चेकिंग प्वाइंट है, जिसकी सजगता एवं सक्रियता उसके सदस्य को नशे की तरफ से जाने से रोक सकता है। यह संस्था अपनत्व से लेकर नैतिक स्तर तक जितनी मजबूत होगी, नशामुक्ति की जारी कोशिशें उतनी कारगर होगी।
दुर्भाग्य से यह वर्जना हाल के दशक में कमजोर हुई है तो अपनत्व का रक्षाकवच भी उपेक्षित हुआ है, जिसने गलाकाट प्रतिस्पर्धी माहौल में अकेले पड़ते जा रहे स्वजन को और अकेला कर दिया है। इसी कवच की मजबूत ही निदान है।
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