ICG में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के मामले में SC का अल्टीमेटम
सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय तटरक्षक बल (इंडियन कोस्टगार्ड) में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के मामले में सरकार को एक तरह से अल्टीमेटम दे दिया है।
ICG में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के मामले में SC का अल्टीमेटम |
कह दिया है कि सरकार ऐसा नहीं करती है तो वह सीधे इसका आदेश दे देगा। इससे लगता है कि अगली सुनवाई पर शुक्रवार को सरकार न्यायालय की भावना का सम्मान करते हुए अपने स्टैंड में बदलाव कर देगी। अभी तो सरकार कुछ कार्यात्मक एवं परिचालनात्मक कठिनाइयों के आधार कोस्ट गार्ड में महिलाओं को स्थायी कमीशन देने से इनकार करती रही है पर अब इससे बच नहीं सकती। इस बारे में सरकार का तर्क अदालत को स्त्री समानता और लैंगिक भेदभाव का लगता है।
उसका मानना है, और देश का भी, कि सरकार समय और समानता के विरु द्ध जा रही है। अब जबकि भारत में ही सेना के विभिन्न अंगों में, यहां तक कि नौसेना में भी, विभिन्न पदों पर महिलाएं बिल्कुल समान और संतोषप्रद काबिलियत दिखा रही हैं तो कोस्ट गार्ड में स्थायी कमीशन से महिलाओं को कैसे वंचित किया जा सकता है? स्थायी कमीशन देने का मतलब पुरु ष सहकर्मी के समान ही महिलाएं पूरी अवधि तक नौकरी करने की हकदार होती हैं। हालांकि वे अपनी मर्जी से नौकरी छोड़ सकती हैं।
उन्हें पेंशन भी मिलती है। फिलहाल कोस्ट गार्ड में 10 फीसद महिलाओं को ही स्थायी कमीशन दिया जाता है। यह तादाद बहुत कम है। यह तो सामान्य व्यक्ति भी कह सकता है कि कोस्ट गार्ड का काम इतना दुष्कर भी नहीं है कि जिसे महिलाएं नहीं कर सकतीं। यह तो उनकी सक्षमता का अनादर करना होगा।
सर्वोच्च न्यायालय सक्षमता के आधार पर समानता का अलख 2020 से ही जगा रहा है। तब आज के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड ने ही न्यायमूर्ति की हैसियत से बबीता पुनिया मामले में स्थायी कमीशन का फैसला देकर सेना में लैंगिक समानता की ऐतिहासिक शुरु आत की थी।
उनकी पीठ ने माना था कि शॉर्ट सर्विस कमीशन की महिला अधिकारी भी अपने पुरु ष समकक्षों के समान स्थायी कमीशन की हकदार है। न्यायालय का यह आदेश देश के साथ वैश्विक परिदृश्य से संचालित-प्रेरित था, जिसमें आमूल बदलाव आ गया था। कितने ही देशों में महिलाएं आज अग्रिम मोचरे पर तैनात हैं। इससे भारत को अछूता कैसे रखा जा सकता है? महिला कोस्ट गार्ड को स्थायी कमीशन देना समय की मांग है।
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