आघात का प्रतिघात

Last Updated 12 Oct 2023 01:37:15 PM IST

मस्तिष्क आघात (ब्रेन स्ट्रोक) पर लांसेट की हालिया रिपोर्ट एक वेकअप कॉल है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के सहयोग से किए गए इस मेडिकल जर्नल के अध्ययन के मुताबिक 2050 तक भारत सहित दुनिया के निम्न-मध्यम आय वाले देशों में ब्रेन स्ट्रोक से 10 मिलियन लोग मर सकते हैं।


आघात का प्रतिघात

भारत में ब्रेन स्ट्रोक के पहले से ही लगभग एक करोड़ मामले थे और अब उनमें 1.29 मिलियन नए मामले और जुड़ गए हैं। अपने देश में तो हर मिनट में 3 लोग ब्रेन स्ट्रोक से पीड़ित होते हैं। यह अलार्मिग प्वॉइंट है। ब्रेन स्ट्रोक दुनिया भर में लोगों की मौत की दूसरी मुख्य वजह है और विकलांगता की तीसरी। यह आंकड़ा 2019 का है। यही वजह है कि मस्तिष्कीय आघात वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य देखभाल की प्रमुख चिंता बनी हुई है।

यह आघात तब होता है, जब मस्तिष्क में रक्त संचार में रु कावट आती है या जब खून की नलिका में टूट-फूट हो जाती है और उससे रिसाव होने लगता है। इससे खून और ऑक्सीजन का मस्तिष्क के ऊतकों तक पहुंचना रुक जाता है। इससे मस्तिष्क में ऊतक और कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होकर कुछ ही समय में नष्ट हो जाती हैं। वे सामान्यत: पुनर्जीवित नहीं होतीं, जिनसे लोग विकलांग तक हो सकते हैं। इसलिए मस्तिष्क में खून का बहाव और ऑक्सीजन को जल्द से जल्द बहाल करना जरूरी होता है।

स्ट्रोक दो तरह के होते हैं। इस्केमिक स्ट्रोक, जो 80 फीसद आघात इसी से होते हैं,और दूसरा रक्तस्रवी आघात। पर ऐसे केस 20 फीसद ही होते हैं। देखा जाए तो ये आघात भी मनुष्य की गड़बड़ जीवनशैली से जुड़े हुए हैं। धू्म्रपान, हाईब्लड प्रेशर, हाई कॉलेस्ट्राल, धमनी रोग और शिथिल शारीरिक गतिविधियां वाली जीवनचर्या और उससे होने वाला मोटापा ऐसे कारण हैं, जिनमें सावधानीपूर्वक और स्वस्थ बदलाव लाकर आघात से बचा जा सकता है।

पर बढ़ी हुई उम्र, पारिवारिक-आनुवांशिक कारणों से होने वाले स्ट्रोक लगभग लॉइलाज हो जाते हैं। भारत समेत निम्न-मध्यम आयवर्ग के देशों में शहरों-गांवों में आघात से होने वाली बीमारियों, मृत्यु दरों और पीड़ितों की दीर्घकालिक विकलांगता को कम करना जरूरी है। दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में वैश्विक स्ट्रोक मृत्यु दर और विकलांगता का 40 फीसद से अधिक हिस्सा है। इसलिए आघात-रोकथाम की कार्यनीतियां लागू करना और देखभाल प्रणाली बढ़ाना जरूरी है। ध्यान रहे कि मस्तिष्कीय आघात देश की सेहत के साथ-साथ अर्थव्यवस्था पर भी तगड़ा प्रतिघात है।



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