Anantnag Encounter : लंबा पर सफल ऑपरेशन
अनंतनाग जिले में हुई आतंकवादियों व सुरक्षाबलों की मुठभेड़ लगभग सात दिन तक जारी रहने के बाद समाप्त हो गयी। 156 घंटों चला ऑपरेशन गडूल बीते कुछ वर्षो की सबसे बड़ी मुठभेड़ है।
Anantnag Encounter : लंबा पर सफल ऑपरेशन |
जम्मू-कशमीर पुलिस के अनुसार, लश्कर के हिट स्कवैड आतंकवादी उजैर खान सहित दो आतंकियों को मार गिराया गया। एक अन्य आतंकवादी का जला हुआ शव भी मिला है, जिसकी शिनाख्त नहीं हो पायी। इस मुठभेड़ की शुरु आत में सेना के कर्नल मनप्रीत, मेजर आशीष धोनचक, जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट को शहादत मिली जबकि सेना के जवान प्रदीप को वीरगति प्राप्त हुई। छह जवान घायल बताये जा रहे हैं। इस वक्त वहां मौसम खराब होने के बावजूद सुराक्षाबलों ने सर्च जारी रखी है। गडूल गांव में आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना के आधार पर यह तलाशी अभियान सेना-पुलिस के संयुक्त दल द्वारा चलाया गया था।
यह स्थान पहाड़ी जंगलों के बीच है। वहां पहुंचने का केवल एक ही मार्ग है, वह भी बेहद संकरा। आतंकी ऊपर से लगातार गोलाबारी कर रहे थे। ऑपरेशन चालू करते वक्त ही अंदेशा था कि आतंकियों ने जंगल के इलाकों में भारी मात्रा में हथियार व गोला-बारूद एकत्र कर रखे हैं। एक तरफ खाई और दूसरी तरफ घने जंगलों में छिपे दहतशतगर्दों को ढूंढ़ निकालना दुष्कर था क्योंकि लगातार कहा जा रहा है कि आतंकियों को बेहतर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
ये स्थानीय लोगों को केवल डराते ही नहीं, बल्कि उन्हें जान से मारने और बमों से उनके कच्चे घरों को उड़ाने सरीखी धमकियां देकर दहशत भी फैलाते हैं। राज्य को विशेष दर्जा खत्म करने के बाद से बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य सुविधाओं, शिक्षा, रोजगार के अवसरों को लेकर बड़े स्तर पर काम चल रहा है। जवानों की शहादत के बावजूद ऑपरेशन की सफलता देशवासियों का सीना ही नहीं चौड़ा करती बल्कि राज्यवासियों और वहां आने वाले घुमक्कड़ों को सुरक्षित वातावरण देने के प्रयासों में यह मील का पत्थर साबित होगा।
विकास कार्यों में स्थानीय लोगों को नियमित रोजगार मिल रहा है। इस सबसे आतंक का धंधा करने वाले बौखला जाते हैं। पड़ोसी मुल्क की बदनीयत व ध्यान भटकाने की नीति के चलते वे खून-खराबा कर दुनिया के समक्ष देश की छवि बिगाड़ने में जुट जाते हैं। जिसका खामियाजा शांतिपूर्ण जीवन जीने वाली स्थानीय बिरादरी को चुकाना पड़ता है।
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