समय पर मिलेगा दर्जा

Last Updated 15 Feb 2021 12:10:07 AM IST

जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा समय पर देने की बात केंद्र सरकार की समझदारी और संजीदगी का उदाहरण है।


समय पर मिलेगा दर्जा

जब माहौल अनुकूल होंगे तो राज्य का दरजा देने में तनिक भी विलंब नहीं होगा। गृह मंत्री अमित शाह की यह बात बिल्कुल सही है कि अभी तो अनुच्छेद 370 हटे केवल 17 महीने ही हुए हैं। जिन्होंने 70 साल तक शासन किया उन्होंने क्या किया? लोक सभा में शनिवार को गृह मंत्री शाह जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक पर चर्चा का जवाब दे रहे थे। एक बात तो स्पष्ट है कि केंद्र में भाजपा शासन के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में काफी कमी आई है।

‘ऑपरेशन आलआऊट’ में सुरक्षा बलों को फ्री हैंड देने का यह नतीजा आया है कि घाटी में अब पहले की तरह निदरेषों की जान नहीं जा रही है। यहां तक कि पत्थरबाजी की वारदात गुजरे जमाने की बात हो गई है। यानी कि वर्षो से अशांत जम्मू-कश्मीर में अमन बहाली का तेजी से प्रयास किया जा रहा है। राज्य के युवाओं के हाथों में रोजगार मुहैया कराए जा रहे हैं। पंचायती राज की शुरुआत हो चुकी है। लोकतांत्रिक माहौल बनाने के यथासंभव प्रयास किए जा रहे हैं। यह बात बिल्कुल जायज है कि यहां लंबे वक्त तक केंद्र का शासन नहीं चल सकता है। लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत जो कुछ हो सकता है, वह सब कुछ केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार करने का प्रयास कर रही है। 17 महीनों में 70 साल का हिसाब मांगना न्यायोचित नहीं है। जम्मू-कश्मीर पिछले कुछ वर्षो में काफी दुारियों का साक्षी रहा है।

आतंकवाद ने राज्य की कमर तोड़कर रख दी है। राज्य को पीछे ले जाने में यहां के कुछ दहशतगर्द और अलगाववादी नेताओं ने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रखी है। अब जाकर हालात थोड़े बेहतर हुए हैं। अलगाववादी गुटों और उनके नेताओं की कारगुजारी जनता समझ चुकी है। चुनाव के लायक माहौल बनाने की कोशिशों के बीच सरकार वहां की जनता का भी भरोसा जीतने के प्रयास में है। इस काम में उसे सफलता भी मिली है, किंतु अभी इस काम के लिए लंबा सफर तय करना होगा। विकास के काम मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है। इसके अलावा कश्मीरी विस्थापितों को वापस लाना निश्चित तौर पर सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। हालांकि इसके लिए भी सरकार ने 2022 तक की समयसीमा तय कर रखी है।



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