उत्कृष्टता की ललक अश्विन को खास बनाती है : शास्त्री
भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने कहा कि लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन और विरोधी की चिंता किए बिना अपने कौशल में निखार की रविचंद्रन अश्विन की ललक ने उन्हें खास बनाया है।
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38 वर्ष के अश्विन ने आस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज के बीच में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से विदा लेकर सभी को हैरान कर दिया।
शास्त्री ने आईसीसी रिव्यू में कहा, ‘मुझे जो बात प्रभावित करती है, वह लगातार खुद को निखारने की उसकी ललक। वह यथास्थिति से कभी संतुष्ट नहीं होता।’
उन्होंने कहा, ‘पिछले दो तीन साल में जिस तरह से उसने गेंदबाजी की है और अपने कौशल को निखारा है, वह अलग नजर आया है।’ अपने खेल के विकास की प्रक्रिया में अश्विन ने नई गेंदों और अपने एक्शन पर लगातार काम किया।
शास्त्री ने कहा, ‘वह नई चीजें सीखना चाहता था और उसने इस पर काफी मेहनत की। उसने हमेशा खुद को समय के साथ अपडेट रखा। वह मैच विनर रहा है और 537 टेस्ट विकेट इसके गवाह है। टेस्ट क्रिकेट में 500 से अधिक विकेट लेना खास है।’
वेस्ट इंडीज के खिलाफ 2011 में पदार्पण करने वाले अश्विन ने कुल 765 विकेट लिए जिनमें 537 टेस्ट विकेट थे। शास्त्री ने कहा, ‘पिछले चार पांच साल में अश्विन और रविंद्र जडेजा ने मिलकर बेहतरीन स्पिन जोड़ी बनाई। दोनों एक दूसरे के पूरक रहे। मैं यह कहूंगा कि पिछले पांच छह साल में जडेजा के विकेटों में अश्विन का और अश्विन के विकेटों में जडेजा का बड़ा योगदान रहा।’
उन्होंने कहा, ‘बाएं हाथ के और दाहिने हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ अश्विन का रिकॉर्ड एक सा रहा है जो उसके हुनर का सबूत है। उसे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था कि वह किसे गेंदबाजी कर रहा है। वह हमेशा इसके लिए तैयार रहता था।’
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