Rahul Dravid: विश्व कप जीत के साथ ही मुख्य राहुल द्रविड़ ने भारतीय टीम से ली विदा
टी20 विश्व कप जीतने के साथ ही मुख्य कोच के तौर पर भारतीय टीम के साथ राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) का कार्यकाल भी खत्म हो गया जिन्होंने आधुनिक क्रिकेट कोचिंग के भारी दबाव के बीच भी गरिमा और शालीनता से कामयाबी तक के सफर की बानगी दी।
राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) |
वैसे 11 साल बाद आईसीसी खिताब जीतने के बाद ‘ द वॉल’ को भी जज्बाती होते देखा गया।
जैसे ही फाइनल के ‘प्लेयर आफ द मैच’ विराट कोहली ने उन्हें ट्रॉफी सौंपी, उन्होंने इतनी जोर से आवाज निकाली मानो आखिर में अपने भीतर की तमाम भावनाओं की अभिव्यक्ति कर रहे हों।
द्रविड़ को ऐसा करते देखने की कोई शायद कल्पना भी नहीं कर सकता। कभी वह सनसनीखेज हेडलाइन नहीं देते लेकिन गैरी कर्स्टन की तरह चुपचाप काम करते रहे।
कोच के रूप में चुनौतियां आसान नहीं थी चूंकि उनके पास ऐसी टीम थी जिसके विश्व क्रिकेट में सबसे ज्यादा प्रशंसक हैं और जिस टीम में नामी गिरामी सितारे हैं।
श्रीलंका के खिलाफ 2021 में सीमित ओवरों की एक श्रृंखला के बाद ही उनकी चुनौतियां शुरू हो गई थी। उन्हें नवंबर में आधिकारिक तौर पर भारत का पूर्णकालिक मुख्य कोच बनाया गया।
उनसे पहले रवि शास्त्री के कोच रहते भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया था लिहाजा उन पर टीम को आगे ले जाने की बड़ी जिम्मेदारी थी।
कोच के रूप में वह आस्ट्रेलिया दौरा तो नहीं कर सके लेकिन अलग अलग प्रारूपों में उनकी टीम ने आस्ट्रेलिया को हराया।
वैसे दक्षिण अफ्रीका की कमजोर टीम के खिलाफ एक हार और एक ड्रॉ रही टेस्ट श्रृंखला उन्हें कचोटती रहेगी।
मैदानी चुनौतियों के अलावा सुपरस्टार से भरे भारतीय ड्रेसिंग रूम को संभालना कम चुनौतीपूर्ण नहीं था। उन्हें पता था कि मामूली सी बात का भी बाहर तिल का ताड़ बनते देर नहीं लगेगी।
द्रविड़ में लेकिन हालात और लोगों को संभालने की जबर्दस्त खूबी है जिसका उन्होंने कोच के रूप में पूरा उपयोग किया।
उन्होंने ऐसा माहौल बनाया जिसमें हर खिलाड़ी निखर सके।
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