WPL के आने से पुरुष और महिला क्रिकेट को अलग-अलग नहीं देखा जाएगा : बार्कले
आईसीसी के चेयरमैन ग्रेग बार्कले का कहना है कि महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) के शुरू होने से महिला क्रिकेट ने खुद की अपनी अलग पहचान बनाई है और अब इसे पुरुषों के खेल से अलग तरह से नहीं देखा जाना चाहिए।
आईसीसी के चेयरमैन ग्रेग बार्कले |
उन्होंने कहा कि यह लीग महिलाओं के खेल को आगे बढ़ाने में मदद करेगी जो इसके पेशेवर रवैये और इसमें शामिल धनराशि की बदौलत होगा। टूर्नामेंट का पहला चरण रविवार को यहां खत्म हो जाएगा।
खेल की शीर्ष संस्था में दूसरा कार्यकाल संभाल रहे बार्कले ने बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) से कहा, ‘मुझे लगता है कि इससे महिलाओं के खेल में बड़ा सुधार होगा और मैं यह देखने के लिए उत्सुक हूं कि यह टूर्नामेंट कैसा रहता है।’ उन्होंने कहा, ‘अब से खेल के दो हिस्सों (पुरुष और महिला) को अलग-अलग तरीके से नहीं देखा जाएगा। ये खिलाड़ी (पुरुष और महिला) क्रिकेट खेल रहे हैं और उनके साथ समान बर्ताव किया जाना चाहिए।’
बार्कले ने कहा, ‘दूसरी बात यह है कि इसमें जो पेशेवर रवैया है और जो भुगतान खिलाड़ियों को किया जा रहा है, उससे भी यह महिलाओं के खेल के लिए वास्तव में महत्वपूर्ण होने जा रहा है।’ डब्ल्यूपीएल शुरू किए जाने की योजना लंबे समय से चल रही थी लेकिन इसकी शुरुआत इस साल चार मार्च को हुई।
बार्कले ने कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत क्रिकेट के मामले में ‘पावरहाउस’ है और उन्होंने महिला प्रीमियर लीग लांच की है। मुझे पता है कि जय शाह (बीसीसीआई अध्यक्ष) और उनका बोर्ड और उनकी टीम इसे बड़ा और सर्वश्रेष्ठ टूर्नामेंट में से एक बनाने के लिए सचमुच प्रतिबद्ध हैं जो संभवत: हो सकता है।’
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि वे इस संबंध में सफल होंगे। मैं बहुत खुश हूं कि यह (टूर्नामेंट) शुरु हुआ।’ बार्कले ने कहा, ‘जिस तरीके से इस टूर्नामेंट को शुरू किया गया, मैं जय और बीसीसीआई में उनकी टीम को सलाम करता हूं। मैंने किसी भारतीय से इसी तरह से टूर्नामेंट के आयोजन की उम्मीद की थी, यह शानदार है।’
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