World Athletics Continental Tour : भारत 2025 में पहली बार विश्व एथलेटिक्स ‘कॉन्टिनेंटल टूर’ की करेगा मेजबानी
भारत अगले साल 10 अगस्त को भुवनेश्वर में पहली बार विश्व एथलेटिक्स ‘कॉन्टिनेंटल टूर’ प्रतियोगिता (World Athletics Continental Tour) (कांस्य स्तर की वैश्विक प्रतियोगिता) की मेजबानी करेगा।
भारत 2025 में पहली बार विश्व एथलेटिक्स ‘कॉन्टिनेंटल टूर’ की करेगा मेजबानी |
यह जानकारी राष्ट्रीय महासंघ ने रविवार को दी। भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने 2025 के प्रतियोगिता कैलेंडर को जारी करते हुए यह घोषणा की। ‘कॉन्टिनेंटल टूर’ विश्व एथलेटिक्स के तत्वावधान में आयोजित ट्रैक एवं फील्ड प्रतियोगिताओं की वाषिर्क सीरीज है।
यह प्रतिष्ठित डायमंड लीग के बाद अंतरराष्ट्रीय एक दिवसीय प्रतियोगिताओं का दूसरा टीयर है।
एएफआई अध्यक्ष आदिले सुमारिवाला ने कहा, ‘कॉन्टिनेंटल टूर भारतीय टीम के लिए सितम्बर में होने वाली विश्व चैंपियनशिप से पहले घरेलू सरजमीं पर अपनी क्षमता दिखाने का अच्छा अवसर होगा।’
यह प्रतियोगिता भारतीय एथलीटों के लिए 13 से 21 सितम्बर तक टोक्यो में होने वाली 2025 विश्व चैंपियनशिप के लिए घरेलू परिस्थितियों में विश्व रैंकिंग अंक (श्रेणी सी) अर्जित करने का अवसर होगा।
भारत में 1980 के दशक के अंत और 1990 के दशक की शुरुआत में आयोजित अंतरराष्ट्रीय परमिट मीट के बाद यह पहली वैश्विक एथलेटिक्स प्रतियोगिता होगी। भारत ने 2004 में नई दिल्ली में विश्व हाफ मैराथन चैंपियनशिप की भी मेजबानी की है।
एएफआई के एक अधिकारी ने बताया, ‘80 और 90 के दशक में परमिट मीट और 2004 में विश्व हाफ मैराथन के बाद यह सबसे प्रतिष्ठित वैश्विक एथलेटिक्स प्रतियोगिता होगी जो पहली बार यहां होगी।’
उन्होंने कहा, ‘हम भाला फेंक के एक बड़े वैश्विक आयोजन के लिए प्रयास कर रहे हैं।’ ओलंपिक स्वर्ण और रजत पदक विजेता नीरज चोपड़ा की सफलता के बाद भारत दुनिया में वैश्विक स्तर पर भाला फेंक में महाशक्ति के रूप में उभर रहा है।
विश्व एथलेटिक्स की कॉन्टिनेंटल टूर कांस्य स्तर की प्रतियोगिता केवल उसी स्टेडियम में आयोजित की जा सकती है जिसमें कम से कम 3000 लोगों के बैठने की क्षमता हो और कम से कम छह लेन वाला क्लास दो का प्रमाणित ट्रैक हो।
इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण विश्व एथलेटिक्स से प्रमाणित होने चाहिए। आयोजकों को कम से कम 12 स्पर्धाएं आयोजित करनी होंगी जिसमें प्रत्येक श्रेण (पुरुष और महिला) के लिए कम से कम पांच स्पर्धाएं होनी चाहिएं। इसमें कम से कम एक ‘जंपिंग’और एक ‘थ्रोइंग’ स्पर्धा होनी चाहिए।
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