पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपने छोटे भाई और मौजूदा पीएम शहबाज शरीफ को भारत के साथ शांति बहाल करने के लिए सभी उपलब्ध राजनयिक संसाधनों का इस्तेमाल करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि वह आक्रामक रुख अपनाने के खिलाफ हैं।

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दोनों भाइयों ने रविवार शाम लाहौर में मुलाकात की। इस दौरान शहबाज ने सत्तारूढ़ राजनीतिक पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के संस्थापक नवाज को भारत के खिलाफ लिए गए उनकी सरकार के फैसलों के बारे में जानकारी दी। ये निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक के बाद घोषित किए गए थे।
सूत्र ने बताया, "प्रधानमंत्री शहबाज ने अपने बड़े भाई और पार्टी संस्थापक से कहा कि सिंधु जल संधि को निलंबित करने के भारत के एकतरफा फैसले से क्षेत्र में युद्ध का खतरा बढ़ गया है।"
नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री शहबाज को सलाह दी कि वे इस मामले पर कोई आक्रामक रुख न अपनाएं और तनाव कम करने के लिए कूटनीतिक माध्यमों का इस्तेमाल करें।
पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। नई दिल्ली ने इस्लामबाद के खिलाफ कई सख्त कूटनीतिक और रणनीतिक कदम उठाए हैं। इनमें 1960 के सिंधु जल समझौते को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने, अटारी इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट को बंद करने, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने, जैसे कई कदम उठाए हैं।
भारत के इन फैसलों के बाद पाकिस्तान ने शिमला समझौते को स्थगित करने और भारतीय उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने जैसे कुछ कदम उठाए हैं।
आतंकियों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल - पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में लोगों (ज्यादातर पर्यटक) पर अंधाधुंध गोलियां चला दी थीं। हमले में कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
इस हमले की जिम्मेदारी 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' ने ली, जो पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा है।
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