ऐसे ही नहीं बन गए इतने बड़े बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन, विरासत में मिला है बैडमिंटन
भारतीय टीम के स्टार बैडमिंटन प्लेयर लक्ष्य सेन के खेल को देखकर ऐसा लग रहा था कि वो इस बार पेरिस ओलंपिक में जरूर मैडल हासिल करेंगे, लेकिन किश्मत ने उनका साथ नहीं दिया।
बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन |
सेमीफाइनल में उनका प्रदर्शन वैसा नहीं रहा जैसा कि वो पिछले कुछ मैचों में खेलते हुए दिखे थे। ब्रांज मैडल पाने से भी वो चूक गए। लक्ष्य का ब्रॉन्ज मेडल मैच सोमवार (5 अगस्त) को मलेशिया के ली जी जिया के खिलाफ था, जिसमें उन्हें 21-13, 16-21, 11-21 से हार झेलनी पड़ी। बहरहाल बहुत कम लोग जानते होंगे कि लक्ष्य को बैडमिंटन विरासत में मिली है। उत्तराखंड के अल्मोड़ा में जन्मे लक्ष्य सेन के दादा सीएल सेन को अल्मोड़ा में बैडमिंटन का भीष्म पितामह कहा जाता है।लक्ष्य के पिता डीके सेन नेशनल लेवल पर बैडमिंटन खेल चुके हैं और राष्ट्रीय स्तर के कोच भी हैं। डीके सेन वर्तमान में प्रकाश पादुकोण अकादमी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। लक्ष्य सेन के भाई चिराग सेन भी इंटरनेशनल लेवल पर बैडमिंटन में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
अपने बेटे को बैडमिंटन की अच्छी ट्रेनिंग देने के लिए डीके सेन अल्मोड़ा छोड़ बेंगलुरु में बस गए थे। बेंगलुरु में लक्ष्य सेन ने प्रकाश पादुकोण एकेडमी में दाखिला लिया था, जहां उन्होंने ट्रायल के दौरान अपनी प्रतिभा से प्रकाश पादुकोण को हैरत में डाल दिया था। लक्ष्य की मेहनत रंग लाई और उन्होंने बहुत ही कम उम्र में ही सफलता की सीढ़ियां चढ़ना शुरू कर दिया था। सेन ने 2016 के जूनियर वर्ल्ड चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीत अपना लोहा मनवाया था। फिर साल 2018 में उन्होंने इसी टूर्नामेंट में पीला तमगा हासिल किया।
सीनियर लेवल पर लक्ष्य सेन को सबसे बड़ी कामयाबी पिछले साल वर्ल्ड चैम्पियनशिप में मिली। हुलेवा में आयोजित हुए उस टूर्नामेंट में लक्ष्य ने कांस्य पदक जीता था। भारतीय पुरुष खिलाड़ियों में लक्ष्य के अलावा प्रकाश पादुकोण और किदांबी श्रीकांत ही वर्ल्ड चैम्पियनशिप में पदक जीतने में सफल रहे हैं। लक्ष्य सेन ने जनवरी 2021 में इंडिया ओपन के जरिए अपना पहला सुपर 500 खिताब जीता था। तब दिल्ली में आयोजित टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में लक्ष्य ने सिंगापुर के लोह कीन येव को मात दी थी। लक्ष्य सेन ने साल 2022 में ऑल इंग्लैंड चैम्पियनशिप के फाइनल में जगह बनाई थी, जो उनके लिए काफी खास रहा। हालांकि वो फाइनल मुकाबला नहीं जीत सके थे।
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