Paris Olympics 2024: ओलंपिक पदक में स्वर्ण जीतना चाहते हैं निशांत देव

Last Updated 15 Jul 2024 08:31:22 AM IST

Paris Olympics 2024: आत्मविश्वास से लबरेज मुक्केबाज निशांत देव की निगाहें इस महीने पेरिस ओलंपिक में भारत के मुक्केबाजी पदकों के रंग को कांसे से बदलकर स्वर्ण में करने पर लगी हैं।


मुक्केबाज निशांत देव

भारत के लिए तीन मुक्केबाज विजेंदर सिंह (2008), एमसी मैरीकॉम (2012) और लवलीना बोरगोहेन (2021) ने ओलंपिक पदक जीते हैं जिसमें सभी का रंग कांस्य पदक रहा है, लेकिन देव को भरोसा है कि उनके पास लाइट मिडिलवेट (71 किग्रा) वजन फाइनल तक पहुंचने की काबिलियत है और वह स्वर्ण पदक जीतने का भी माद्दा रखते हैं।

देव ने कहा, ‘मेरा लक्ष्य मुक्केबाजी में मिले पदकों का रंग बदलना है। हमारे देश के मुक्केबाजों ने अब तक कांस्य पदक जीते हैं, पर स्वर्ण और रजत पदक नहीं जीत सके हैं।’ देव ने कहा, ‘मैं कांस्य को रजत नहीं बल्कि स्वर्ण में बदलना चाहता हूं। मुझे पूरा भरोसा है कि मैं यह उपलब्धि हासिल कर सकता हूं। मेरी ट्रेनिंग अच्छी रही है, लेकिन अंत में यह भगवान पर निर्भर करता है।’

यह 23 वर्षीय मुक्केबाज 2021 में पहली बार विश्व चैंपियनशिप में क्वार्टर फाइनल में पहुंचकर सुर्खियों में आया। दो साल बाद देव ने विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता।

उन्होंने कहा, ‘वह मेरा पहला अंतरराष्ट्रीय पदक था और यह मेरे लिए बड़ी उपलब्धि थी।’ देव ने विश्व चैंपियनशिप के अंतिम आठ चरण में क्यूबा के जार्ज क्यूलार पर सर्वसम्मत फैसले में जीत हासिल की थी। वह मानते हैं कि क्यूबा, अमेरिका, रूस और कजाकिस्तान जैसे मजबूत देशों के मुक्केबाजों का सामना करने से उनका डर खत्म हो गया जिससे उनका आत्मविास बढाने में मदद मिली।

हरियाणा के इस मुक्केबाज ने कहा, ‘जब मैंने क्वार्टर फाइनल में क्यूबा के मुक्केबाज को आसानी से हराया तो मेरे मन से डर निकल गया। मुझे लगा कि अगर आप अपना शत प्रतिशत दो तो आप किसी भी मुक्केबाज को हरा सकते हो।’

देव ने कहा, ‘एक मजबूत देश के मुक्केबाज के खिलाफ लड़ते समय मुझे जो डर लगता था, वह अब खत्म हो गया है। अब कोई दबाव नहीं है, मैं बस यही सोचता हूं कि वह सिर्फ एक प्रतिद्वंद्वी है।’

भाषा
नई दिल्ली


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