लोहरदगा के एक स्कूल में तीन दिन तक लहराता रहा तिरंगा
मध्य प्रदेश के लोहरदगा में एक स्कूल में गणतंत्र दिवस कार्यक्रम के बाद तीन दिन तक लहराता रहा तिरंगा.
गणतंत्र दिवस कार्यक्रम के बाद तीन दिन तक लहराता रहा तिरंगा (फाइल फोटो) |
गणतंत्र दिवस के मौके पर हर स्कूल में झंडा फहराया जाता है और देशभक्ति से जुड़ा कार्यक्रम होता है.
मध्य प्रदेश के लोहरदगा के एक स्कूल में भी इस साल 26 जनवरी को एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में तिरंगा भी फहराया गया. लेकिन एक शिक्षक की ग़लती से यह तिरंगा तीन दिन तक उतारा नहीं गया.
देश की शान में फहराया जाने वाला तिरंगातीन दिनों से लगातार स्कूल में लहराता रहा.
किसी को इस बात का ध्यान नहीं रहा कि स्कूल में झंडा फहरा रहा है और कार्यक्रम की समाप्ति पर इसे उतारना भी था. |
झंडा लोहरदगा के सदर प्रखण्ड में पड़ने वाले नव प्राथमिक विद्यालय में फहराया गया था. हिरही ग्राम के हर्रा टोली में स्थित इस स्कूल में गणतंत्र दिवस के मौके पर झंडा फहराया गया और सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ.
कार्यक्रम खत्म होने के बाद सभी लोग अपने-अपने घरों को चले गए और किसी को इस बात का ध्यान नहीं रहा कि स्कूल में झंडा फहरा रहा है और कार्यक्रम की समाप्ति पर इसे उतारना भी था.
तीन दिन तक झंडा स्कूल में फहराता रहा. बाद में हमारे सहयोगी न्यूज़ चैनल सहारा समय मध्य प्रदेश/ छत्तीसगढ़ की नज़र इस पर पड़ी. हमारे न्यूज़ चैनल की पहल पर आखिरकर इस झंडे को तीन दिन बाद ग्रामीणों की मौजूदगी में उतारा गया.
लेकिन झंडा उतारने में भी स्कूल के प्रधानाध्यापक नारायण भगत ने एक ग़लती और कर दी. प्रधानाध्यापक ने झंडे को डंडे सहित उखाड़ लिया और उसके बाद सारी हदें पार करते हुए तिरंगे को ज़मीन पर रख दिया. प्रधानाध्यापक महोदय झंडे को ज़मीन पर रखकर इसके इर्द- गिर्द बेख़ौफ़ घूमने लगे.
एक शिक्षक के हाथों तिरंगे का इस तरह का अपमान समझ से परे है. बहरहाल जब उन्हें इस बात के बारे में बतलाया गया तो उन्हें अपनी ग़लती का अहसास हुआ और उन्होंने अपनी गलती स्वीकार भी कर ली.
हर्रा टोली के इस स्कूल में 214 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं.
ग्रामीणों की मानें तो विद्यालय के प्रधानाध्यापक की लापरवाही का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी वो भूल पर भूल करते रहे हैं. हद तो इस बार हो गई जब पहले तो उन्हें तिरंगा उतरवाने का ध्यान नहीं रहा और जब बताया गया तो उन्होंने तिरंगे को ज़मीन पर ही रख दिया.
इस मामले में जब वार्ड सदस्य से बात की गई तो उन्होंने कहा की उन्हें किसी प्रकार की सूचना विद्यालय परिवार की और से नही दी जाती है. यही कारण है की वो विद्यालय की गतिविधियों पर नज़र नही रख पाते.
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