उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू किये जाने के लिए नियमों और विनियमों का अंतिम मसौदा शुक्रवार को यहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया गया।
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पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय समिति ने राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री धामी को यह दस्तावेज सौंपा। यह समिति राज्य सरकार ने गठित की थी।
धामी ने मसौदा प्राप्त होने के तुरंत बाद संवाददाताओं से कहा कि इसका उद्देश्य समाज के हर वर्ग के लिए समान व्यवहार सुनिश्चित करना और महिलाओं को सशक्त बनाना है।
राज्य सरकार को समान नागरिक संहिता का मसौदा सौंपे जाने से उत्तराखंड में इसे लागू किये जाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
उत्तराखंड सरकार अब मसौदे का अध्ययन करेगी और उसे राज्य मंत्रिमंडल के समक्ष रखेगी। मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। इसे लागू किए जाने के बाद उत्तराखंड इसे क्रियान्वित करने वाला देश का पहला राज्य हो जाएगा।
धामी ने कहा कि नियमों का मसौदा चार भागों में विभाजित है -- विवाह और तलाक, उत्तराधिकार, ‘लिव-इन’ संबंधों और जन्म एवं मृत्यु के पंजीकरण के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं का निर्धारण।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इसे (यूसीसी को) किसी वर्ग को निशाना बनाने के लिए नहीं लाया जा रहा। इसका उद्देश्य सभी के लिए समानता और महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तीकरण सुनिश्चित करना है।’’
उन्होंने कहा कि यूसीसी को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा के बाद जल्द ही लागू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम इसका अध्ययन करेंगे, इसके कानूनी और अन्य पहलुओं की समीक्षा करेंगे, इस पर विस्तार से चर्चा करने के लिए इसे मंत्रिमंडल के समक्ष रखेंगे और इसे लागू करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि इसके क्रियान्वयन की प्रक्रिया में शामिल किए जाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को भी प्रशिक्षित करने की आवश्यकता होगी।
धामी ने कहा कि प्रस्तावित नियमों में विवाह, तलाक और ‘लिव-इन’ संबंधों के अनिवार्य पंजीकरण के लिए ऑनलाइन सुविधाएं मुहैया कराना शामिल है ताकि लोगों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें।
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का उद्देश्य विवाह और तलाक, उत्तराधिकार, ‘लिव-इन’ संबंधों और संबंधित मामलों से जुड़े कानूनों को विनियमित करना है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित कई राज्यों ने इसका अनुकरण करने की इच्छा जताई है।
समान नागरिक संहिता का क्रियान्वयन 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान में धामी का एक प्रमुख चुनावी वादा था।
भाजपा के 2022 में भारी बहुमत के साथ लगातार दूसरी बार राज्य की सत्ता में आने पर धामी ने कहा था कि यह समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन के लिए मिला जनादेश है।
मुख्यमंत्री के रूप में दूसरी बार पदभार संभालने के तुरंत बाद धामी ने अपना वादा पूरा करने के लिए यूसीसी का मसौदा तैयार करने के वास्ते उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में 27 मई 2022 को एक समिति गठित की थी।
समिति में शत्रुघ्न सिंह भी शामिल थे। समिति ने इस वर्ष दो फरवरी को अपना मसौदा राज्य सरकार को सौंपा था।
इसके तुरंत बाद सात फरवरी को यूसीसी पर विधेयक पारित करने के लिए राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मार्च में विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी।
राष्ट्रपति द्वारा विधेयक को मंजूरी दिए जाने के बाद इसके क्रियान्वयन के लिए नियमों का मसौदा तैयार करने के उद्देश्य से सिंह की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी, जिसने शुक्रवार को मुख्यमंत्री को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंप दी।
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